भारतीय वायुसेना अपने स्टैंड ऑफ हथियारों की इनवेंटरी मजबूत करने के लिए इजराइल से स्पाइस-2000 बम का एडवांस वर्जन लेने पर विचार कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना स्पाइस 2000 बम का एडवांस वर्जन खरीदने पर विचार कर रही है. स्पाइस बम 2000 बंकरों को आसानी से नष्ट कर सकता है. जिन बमों को खरीदने की योजना बनाई जा रही है वह वॉरहेड का इस्तेमाल कर आसानी से बिल्डिंग को नष्ट कर सकता है, जबकि इससे पहले वाले संस्करण इमारतों के अंदर घुसने और फिर फटने में सक्षम था.
जैश के आतंकियों को खत्म करने के लिए स्पाइस 2000 का बालाकोट में इस्तेमाल किया गया था क्योंकि आतंकी बिल्डिंग के अंदर छिपे थे. बम पहले छेद करता है और फिर बिल्डिंग के अंदर दाखिल होता है. खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि करीब 300 जैश के आतंकी एक दिन पहले (26 फरवरी) बिल्डिंग में छुपे थे जिसके बाद इस बम का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया था.
दुश्मन से हवाई संघर्ष से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना अपने सुखोई 30 फाइटर जेट में भी स्पाइस 2000 बम का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. पाकिस्तान में एक मीटर तक की सटीकता के साथ बमों ने लक्ष्य को मारा था. सरकार सूत्रों ने दावा किया था कि इससे भारी मात्रा में पाकिस्तान को नुकसान हुआ था.
कुछ साल पहले भारत ने इजराइल से स्पाइस-2000 स्मार्ट बम की करीब 200 यूनिट खरीदी थी. रिपोर्ट की मानें तो सुखोई सू-30 के साथ पहले ही इन बमों का ट्रायल हो गया है.
वायुसेना के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया 'हमने स्पाइस-2000 बम का सू-30 एयरक्राफ्ट के साथ पहले ही ट्रायल कर लिया है और सफल एकीकरण का मतलब होगा कि भारतीय वायु सेना का एक बड़ा बेड़ा इन मुनियों को गिराने में सक्षम होगा. सफल परीक्षण का मतलब है कि भारतीय वायुसेना का एक बड़ा बेड़ा अब इन बमों को गिराने में सफल होगा.'
स्पाइस बम एक सटीक निर्देशित बम है जो एक जीपीएस गाइडेंस किट के साथ लगाया जाता है, जो हवा में गिरने वाले अनप्लग्ड बमों को सटीक रूप से लॉन्च करने के लिए होता है. भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप पर छह बम गिराए थे. यह ट्रेनिंग कैंप पाकिस्तान के बालाकोट के पख्तूनवा इलाके में स्थित थे.
एक बार स्पाइस-2000 स्मार्ट बम सुखोई सू-30 जेट में फिट हो जाएंगे तो यह भारतीय वायुसेना के लिए एक अपग्रेड होगा. इसके बाद सेना आसानी से इन बमों को लॉन्च कर सकेगी. भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के कैंप नष्ट करने के लिए इन बमों का इस्तेमाल किया था.