‘मी टू’ के तहत करीब एक दर्जन से ज्यादा यौन शोषण के आरोप झेल रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने, पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करवाया है। एक तरफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की कल (गुरूवार) में सुनवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ प्रिया रमानी को ‘द एशियन एज’ में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार सहकर्मियों का साथ मिला है।
इन महिला पत्रकारों ने एक बयान जारी कर रमानी का समर्थन करने की बात कही, और कोर्ट से गुज़ारिश की कि एमजे अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए। उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और अन्य इसकी गवाह हैं। पत्रकारों ने अपने साइन वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है। हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से गुज़ारिश करते हैं कि, याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए, जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं’।
समर्थन करने वाली महिला पत्रकारों के नाम
बयान पर साइन करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं। डेक्कन क्रॉनिकल की एक पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर साइन किया है।
पूर्व पत्रकार और केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सो‘मी टू’ के तहत करीब एक दर्जन से ज्यादा यौन शोषण के आरोप झेल रहे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने, पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करवाया है। एक तरफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की कल (गुरूवार) में सुनवाई होगी। वहीं दूसरी तरफ प्रिया रमानी को ‘द एशियन एज’ में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार सहकर्मियों का साथ मिला है।
इन महिला पत्रकारों ने एक बयान जारी कर रमानी का समर्थन करने की बात कही, और कोर्ट से गुज़ारिश की कि एमजे अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए। उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और अन्य इसकी गवाह हैं। पत्रकारों ने अपने साइन वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है। हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से गुज़ारिश करते हैं कि, याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए, जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं’।
समर्थन करने वाली महिला पत्रकारों के नाम
बयान पर साइन करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं। डेक्कन क्रॉनिकल की एक पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर साइन किया है।
पूर्व पत्रकार और केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दर्ज करवाई थी। एमजे अकबर ने अपने बचाव में कहा कि रमानी ने ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से’ आरोप लगाए जिनका हिडेन एजेंडा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है’।मवार को पटियाला हाउस कोर्ट में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दर्ज करवाई थी। एमजे अकबर ने अपने बचाव में कहा कि रमानी ने ‘जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से’ आरोप लगाए जिनका हिडेन एजेंडा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है’।