मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्डरिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर लिया और उनकी संपत्ति जब्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही ईडी अब ब्रजेश ठाकुर के साथ उनकी पत्नी और बेटे से भी पूछताछ करेगी। इसके लिए जल्द ही सम्मन जारी करने का अनुमान है। ईडी द्वारा इस बात की जाएगी कि क्या इस कथित आपराधिक गतिविधि के जरिये अवैध धन बनाया गया और काले धन को सफेद किया गया।
ज्ञात हो कि टिस की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों से रेप और मानिसक-शारीरिक यातना का मामला उजागर हुआ था। इसके बाद गृहकांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को 3 जून को गिरफ्तार कर लिया गया था। अगस्त में जब जेल में छापेमारी हुई, तो ब्रजेश ठाकुर के पास से एक डायरी बरामद हुई। इसमें लगभग 40 लोगों के नाम थे, जिनसे वह संपर्क में था। इसी डायरी के सामने आने के बाद समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा, क्योंकि इसमें उनके पति चंद्रशेखर वर्मा उर्फ चंदेश्वर वर्मा का नाम आने की बात कही गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 26 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। 28 जुलाई से केंद्रीय एजेंसी ने जांच की जिम्मेदारी संभाल ली। सीबीआई अधिकारियों ने ठाकुर की पहुंच को देखते हुए जांच के प्रभावित होने की आशंका जताई थी। इसके बाद ब्रजेश ठाकुर की जेल से शिफ्ट करने की सिफारिश की गई थी, जिसे सरकार द्वारा मान लिया गया।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 12 दिन पहले पीएमएलए-2002 के प्रावधानों के तहत ब्रजेश ठाकुर की 2.65 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजा था। ईडी ने सीबीआई में दर्ज मामले को टेक-ओवर करते हुए मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। ब्रजेश ठाकुर की जब्त होने वाली प्रॉपर्टी में 12 प्लॉट, होटल व मकान शामिल हैं। जांच में पाया गया है कि ब्रजेश ठाकुर ने बालिका गृह, महिला अल्पावास गृह आदि का फर्जी तरीके से संचालन कर सरकार से अनुदान प्राप्त किया। उसने अवैधानिक कार्य करते हुए करीब दो करोड़ 65 लाख 12 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की। संपत्ति जब्त होने के डर से मुख्य आरोपित के बेटे राहुल आनंद ने मुजफ्फरपुर की 11 कट्ठे की महंगी जमीन लगभग दो करोड़ रुपये में बेच दी है। इस जमीन का सौदा ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति पर एफआईआर दर्ज होने के बाद हुआ।