बॉलीवुड के जाने-माने निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट ने सोशल मीडिया पर चल रहे ‘मी टू’ मूवमेंट का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे इस अभियान ने बड़े-बड़े लोगों की नींद उड़ा दी है। न सिर्फ बॉलीवुड में, बल्कि दूसरे क्षेत्र की महिलाएं भी इस अभियान में शामिल हो गई हैं।
बीबीसी से खास बातचीत में उन्होंने कहा, ‘इस देश में कमाल की बात है, लोग नारी को मंदिर में जगह देते हैं, अपने घरों में देवी की मूर्ति रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं और उन्हीं घरों में, सड़क पर, दफ्तरों में लड़कियों के साथ बदसलूकी और जुर्म करते हैं। सेक्सुअल हैरेसमेंट कर लोग अपनी पावर का ग़लत इस्तेमाल करते हैं।’ महेश भट्ट ने कहा कि ‘एक महिला आपको मना कर रही है, लेकिन फिर भी आप उसे परेशान कर रहे हैं, यह है सेक्सुअल हैरेसमेंट।’
तनुश्री दत्ता-नाना पाटेकर मामले में अब तक बॉलीवुड की हस्तियां कुछ भी कहने से बच रही थीं, लेकिन महेश भट्ट ने इस पर खुल कर बोला है। उन्होंने तनुश्री का समर्थन किया है, हालांकि उन्होंने किसी भी पक्ष को गलत या सही नहीं ठहराया, लेकिन कहा कि आवाज उठाने से किसी को रोकना नहीं चाहिए। महेश भट्ट ने कहा, ‘नाना पाटेकर के ऊपर उंगली उठी है। उठाया किसने? हमारी ही इंडस्ट्री की एक लड़की ने। वह हमारी ही बिरादरी की है, उसने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उसके साथ ऐसा कुछ हुआ है या नहीं हुआ, मेरे पास कोई जरिया नहीं है जिससे पता लगाऊं कि सच क्या है। लेकिन, क्या मुझे उस लड़की को रोकना चाहिए अपनी बात कहने से? बिल्कुल भी नहीं।’
उन्होंने कहा कि पहले लड़कियां चुप रहती थीं, यह सोचकर कि समाज क्या सोचेगा उनके बारे में। कई घरों में तो उनकी मां ही उन्हें चुप करा दिया करती थी बदनामी होने के डर से, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। महेश भट्ट अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि सेक्सुअल हैरेसमेंट की बातें करना जरूरी है, लेकिन यह याद रखें, तनुश्री हमारी ही इंडस्ट्री की बच्ची है और नाना पाटेकर हमारा बहुत ही माना हुआ कलाकार है। उनकी समाज में बहुत इज्जत है, वह समाज सेवा भी करते हैं। हां, उनका जो अंदाज है जीने का, वह थोड़ा अलग है। बहुत ही तीखा बोलते हैं। और अब तो यह मामला कोर्ट तक जा चुका है।’ लेकिन, यह जो मुद्दा है, वह किसी पब्लिक कोर्ट से, या हम जैसे पब्लिक की राय से या ‘मी टू’ से नहीं सुलझने वाला है। यह आपको अंदर से, दिल से महसूस करना होगा कि हमें महिलाओं के साथ से कैसा व्यवहार करना चाहिए। यह ऐसी मोरल चीजें हैं, जो आपको दिल से करनी चाहिए।’