इस साल की शुरुआत में महाराष्ट्र के पुणे से सटे भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शुरू हो गई हैं। पुलिस कस्टडी में रह रहे वरवरा राव ने सांस लेने में दिक्कत की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए ससून हॉस्पिटल ले जाया गया। बता दें रविवार को ही भीमा कोरेगांव मामले में पुणे की सेशंस कोर्ट ने राव को 26 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया था।
शनिवार को गिरफ्तार किए गए थे वरवरा राव
पुणे पुलिस ने वरवरा राव को शनिवार की रात हैदराबाद के गांधीनगर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पुणे लाया गया। वरवरा राव को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब एक दिन पहले ही उनकी तरफ से हैदराबाद मैजिस्ट्रेट कोर्ट की ट्रांजिट रिमांड और पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को खारिज करने वाली याचिकाएं रद्द कर दी गई थीं। गुरुवार को पुणे अदालत ने उनके और पांच कार्यकर्ताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
क्या है भीमा-कोरेगांव का मामला
इसी साल महाराष्ट्र में पहली जनवरी को भीमा कोरेगांव की 200वीं बरसी के मौके पर भीमा नदी के किनारे स्थित स्मारक के पास पत्थरबाजी हुई और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। पुलिस का दावा है कि पुणे में 31 दिसंबर, 2017 को दिए गए भड़काऊ भाषणों की वजह से अगले दिन बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इस घटना के आरोप में 6 जून को वरवरा राव समेत पांच कार्यकर्ताओं को माओवादियों के साथ संबंध होने के चलते गिरफ्तार किया गया था। 28 अगस्त को पुलिस ने राव के साथ चार कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधित माओवादी संगठन के साथ कथित संबंध होने के चलते गिरफ्तार किया था।