चुनावी ‘जंग’ में जीत के लिए सभी दल हर पैंतरा अपना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में प्रचार के दौरान बजरंगबली को दलित बता दिया। उनके इस बयान पर राजस्थान ब्राह्मण सभा ने त्यौरियां चढ़ा ली हैं। ब्राह्मण सभा ने हनुमान जी को जाति में बांटने का आरोप लगाते हुए योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजा है।
इधर भाजपा ने योगी के हनुमान की जाति पर दिए बयान से किनारा कर लिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि ये तो उन्होंने कांग्रेस को जवाब देने के लिए कहा होगा। वहीं कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये लोग वोट के लिए जाति को भी नहीं छोड़ते हैं।
गौरतलब है कि अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को दलित, वनवासी, गिरवासी और वंचित करार दिया। योगी ने कहा कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिर वासी हैं, दलित हैं और वंचित हैं।
वैसे, योगी के इस बयान को भाजपा के हिंदुत्व कार्ड के साथ-साथ जातिगत वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल, राजस्थान में कुल जनसंख्या का 17.8 फीसदी हिस्सा दलित समुदाय का है। परंपरागत दलित वोट बैंक बीते एक दशक से कांग्रेस छोड़ भाजपा के साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन इस बार वसुंधरा राजे सरकार को लेकर इस तबके में नाराजगी है। दलितों को साधने के लिए भाजपा ने कई कोशिशें राजस्थान में कीं, लेकिन हालात बदलते नहीं दिख रहे। ऐसे में विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे की नैया पार लगाने के लिए उतरे सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान बजरंगबली को दलित बताकर नया दांव चला है।