एक तरफ ‘मी टू’ मूवमेंट की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी कानून बनाने की तैयारी कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ इंदौर (मध्य प्रदेश) से बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने मामले की पूरी गंभीरता को हवा में उड़ा दिया। उषा ठाकुर के मुताबिक महिलाएं तरक्की के लिए शार्ट कट अपनाती हैं। विवादित या फिर कहें बे सिर पैर के बयानों के मामले में उषा ठाकुर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन फोकस नए वाले पर करेंगे।
निजी स्वार्थ के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता
एक तरफ ‘मी टू’ मूवमेंट जिसके तहत महिलाएं अपने साथ होने वाली बदसलूकी को दुनिया के सामने रख रही हैं। दूसरी तरफ उषा ठाकुर जैसी महिलाएं हैं, जिन्हें उनसे कोई संवेदना तो हैं नहीं लेकिन उनको ये ज़रूर मालूम है कि महिलाएं तरक्की के लिए शॉर्ट कट अपनाती हैं। उषा ठाकुर ने मी टू मूवमेंट के तहत सामने आने वाले मामलों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि, ‘महिलाएं निजी स्वार्थों के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता करती हैं। समझौता करने के कारण ही वो समस्याओं में फंसती हैं। जीवन मूल्यों से समझौता कर पाई गई सफलता निरर्थक है’।
उषा ठाकुर ने तरक्की के लिए समझौता करने वाली महिलाओं को तो गलत बता दिया, लेकिन उन मर्दों के लिए एक शब्द नहीं निकाल पाईं जो महिलाओं को समझौता करने के लिए मजबूर करते हैं। अपने पावर, अपनी पोज़िशन का फायदा उठाते हैं। एक तरफ उनके खुद के केंद्रीय मंत्री जो पहले कभी बड़े पत्रकार हुआ करते थे, यौन शोषण के आरोप में फंसे हुए हैं। उनका इस्तीफा मांगने के बजाय उषा ठाकुर अनर्गल बयान दे रही हैं।
एम जे अकबर इस्तीफा नहीं देंगे
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर पर एक दो नहीं, बल्कि कई महिलाओं ने, यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। हालांकि, जब उन पर महिला उत्पीड़न के आरोप लग रहे थे, तब वो नाइजीरिया में महिला सशक्तिकरण पर भाषण दे रहे थे। माने उस वक्त वो विदेश में थे, लेकन अब उनकी घर वापसी हो चुकी है।
उम्मीद थी कि भारत लौटते ही शायद वो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देंगे लेकिन इस्तीफा तो दूर, उल्टा वो कानूनी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। ठीक है, सबको अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने और खुद को निर्दोष साबित करने का हक़ है। लेकिन जब किसी केंद्रीय मंत्री पर एक-दो नहीं बल्कि कई महिलाओं ने यौन शोशण का आरोप लगाया हो, उनसे थोड़ी नैतिकता की उम्मीद तो की ही जा सकती है।