हरियाणा के रोहतक लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके दीपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस ने एक बार फिर रोहतक लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा हैं। अगर चुनावी माहौल की बात करें तो इस सीट पर दीपेंद्र हुड्डा की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। जिसके मुख्य कारण दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक युवाओं का साथ और बीजेपी द्वारा पैराशूट प्रत्याशी को मैदान में उतारना है। दीपेंद्र की पहचान एक युवा नेता के तौर पर है, इसलिए दीपेंद्र की आवाज को युवाओं का साथ मिल रहा है। रोहतक की जनता ने इस सीट से दीपेंद्र हुड्डा को लगातार तीन बार संसद पहुंचाया है। वैसे यहां की जनता को दीपेंद्र से ज्यादा उनके विकास कार्यों पर भरोसा हैं। दीपेंद्र युवाओं में अपने नाम से बल्कि अपने कामों से जाने जाते हैं। जिससे रोहतक के युवा दीपेंद्र को अपना आदर्श मानते है। रोहतक सीट से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है, क्योंकि दीपेंद्र हुड्डा ने पिछले 15 सालों में रोहतक में जो विकास किया है, उससे यहां की जनता संतुष्ट नजर आती हैं। इतना ही नहीं बल्कि विपक्षियों को भी इस बात का साफ अंदाजा है, तभी बीजेपी ने एक पैराशूट और दलबदलू उम्मीदवार को टिकट देकर यह साबित करने की कोशिश की है। जनता भी जानती है जब हमारा सांसद सही होगा, तभी क्षेत्र का सही विकास होगा। अगर सांसद ही 10 पार्टी बदल होगा, तो जनता उस पर विश्वास कैसे कर सकती है। वैसे आजकल हर युवा सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ हैं, और वह अपने क्षेत्र के विकास कार्यों की दूसरे सांसदों या क्षेत्र के विकास कार्यों से तुलना करते हैं। जिससे युवाओं को साफ पता लग जाता हैं, हमारे क्षेत्र के लिए कौन सा प्रत्याशी सही है और कौन गलत हैं।