देश में जहां एक तरफ नफरतों का कारोबार गर्म है वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका मकसद सिर्फ प्यार बांटना है. ऐसी ही एक मिसाल पेश की है भदोही के एक मुस्लिम परिवार ने. इस परिवार ने अपने हिंदू कर्मचारी की मौत के बाद हिन्दू रीति-रिवाज़ से उसका दाह संस्कार किया और तेरहवीं की रस्म पूरी की. खास बात ये रही कि तेरहवीं भोज के लिए बांटे कार्ड पर शोकाकुल परिवार में इरफ़ान अहमद खान और फरीद खान का नाम छपा होने के साथ भवदीय में उनकी फर्म का नाम लिखा गया.
दरअसल ये भोज इरफ़ान और फरीद ने अपने सहयोगी मुरारी लाल श्रीवास्तव की आत्मा की शांति के लिए किया. इस भोज में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के करीब एक हज़ार से ज़्यादा लोग शामिल हुए.
इरफान और फरीद ने बताया कि मुरारीलाल हमारे परिवार के सदस्य की तरह रहे हैं. उनकी हैसियत घर के बुज़ुर्ग की तरह थी. इसलिए हमने वही किया जो हम घर के किसी सदस्य के लिये करते.