साधारणतः लोग यही मानते रहे हैं कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसे चबाने से कैंसर जैसी बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं, जिससे मनुष्य की मौत तक हो जाती है, लेकिन यदि हम कहें कि तंबाकू जानलेवा नहीं, जीवनदाता है, तो आप चौंक जाएंगे। इस बात को उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर कि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी (सीएसए) के शोध कर्ताओं ने सच कर दिखाया है।
यूनिवर्सिटी के शोध कर्ताओं ने हुक्का तंबाकू की एक नई प्रजाति खोजी है, जिससे अब दवाएं बनेंगी, क्योंकि एआरआर रवि नाम तंबाकू में निकोटिन बहुत ज्यादा मात्रा में मिलती है। इसलिए इसका इस्तेमाल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल दवाएं बनाने में किया जाएगा। साथ ही औषधीय गुणों के साथ यह फसलों में लगने वाले कीड़ों से भी बचाएगा।
केंद्रीय तंबाकू शोध संस्थान (सीटीआरआई), राजामुंदरी, आंध्र प्रदेश के साथ मिलकर तंबाकू शोध जनक डॉ. अरविंद श्रीवास्तव द्वारा ईजाद की गई है। तंबाकू की यह प्रजाति औषधिय गुणों से भरपूर है। इतना ही नहीं, तंबाकू की यह प्रजाति किसानों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इसकी पैदावार तंबाकू की अन्य प्रजातियों कि तुलना में प्रति हेक्टेयर 10 गुना से अधिक पैदावार होती है। वहीं, इस नई पौध को आईसीआर के अखिल भारतीय प्रजाति परीक्षण में ‘रवि‘ तंबाकू को सर्वोत्तम करार दी गई है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी के शोध डायरेक्टर डॉ. एचजी प्रकाश ने बताया कि यह देखने में जितना खूबसूरत है, उतने ही औषधीय गुण इसमें विद्यमान हैं। इसमें निकोटीन की मात्रा आम तंबाकू से बहुत ज्यादा है।