भारत में चुनावी मौसम इस वक्त अपने सातवें आसमान पर है। ऐसे में जहां देश की राजनीति अफ्रीकी गर्मी से भी ज्यादा गर्म है। तो वहीं नेताओं में वार-पलटवार का दौर लगातार बढ़ रहा है। भला ऐसे में हरियाणा की राजनीति क्यों ठंडी रह सकती है? अगले दो माह बाद ही देश में आम चुनाव होने वाले है। जिसके बाद हरियाणा सहित कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे है। ऐसे में आज हम बात कर रहे है हरियाणा की। जहां वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। प्रदेश पहले से ही कई क्षेत्र में नंबर वन राज्य रहा है। हरियाणा अपनी काबिलियत के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। चाहे खेल हो या फिर खेती हो। हरियाणा हर जगह अपनी मौजूदगी दिखाता रहा है। जब देश में लोकसभा चुनाव हो और हरियाणा की अपनी मौजूदगी ना हो। यह कहना बेहद ही गलत है। वैसे आपको बता दूं हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें है। जिनमें से इस वक्त सात सीटों पर बीजेपी और दो सीटों पर इंडियन नेशनल लोकदल की पकड़ हैं। जबकि कांग्रेस मात्र एक सीट पर विराजमान है। ऐसे में हरियाणा की लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। जहां कांग्रेस हरियाणा में अपना अस्तित्व खोज रही है। तो वहीं हरियाणा में कांग्रेस की पूरी जिम्मेदारी अशोक तंवर के इर्द-गिर्द ही देखी जा रही है। अशोक तंवर कांग्रेस पार्टी के वो नेता है। जो युवाओं में सबसे अलग पहचान रखते है।
कहा जाता है, अशोक तंवर अपने हर युवा कार्यकर्ता को नाम सहित जानते है। जो तंवर को और राजनेताओं से बिल्कुल अलग बनाता है। अशोक की युवाओं में जो पकड़ है। वह उन्हें भारतीय राजनीति में एक नया परिवेश प्रदान करता है। अपने राजनीति शुरूआत छात्र संघ से करने वाले अशोक आज कांग्रेस के युवा नेताओं में सबसे खास माने जाते है। अशोक को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। ऐसे में अगर कांग्रेस अशोक तंवर को हरियाणा में बड़ी जिम्मेदार देती है। तो पार्टी उम्मीद करेंगी। वह अपना काम बखूबी से निभाएं और हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को उसकी खोई पहचान दिलाने में कामयाब हो। हम उम्मीद करते है। अशोक तंवर 2019 आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को उसकी पहचान लौटाने में कामयाब हो।