जरा सोचिए..! जिस डील को हमारी सरकार सीक्रेट डील और देश की सुरक्षा से जुड़ी बता रही थी, आज उसी के सीक्रेट फाइल चोरी हो गए हैं। एक बात तो साफ है, देश के हालात सही नहीं है। जहां सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है, तो वहीं राफेल विमान की सीक्रेट फाइल गायब हो गई है। यह हम नहीं बल्कि केंद्र सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में कहा हैं। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एजी वेणुगोपाल ने कहा, ये फाइल रक्षा मंत्रालय से पूर्व या वर्तमान कर्मचारी द्वारा चोरी किए गए हैं। जिन्हें केंद्र सरकार पहले गोपनीय दस्तावेज बता कर सार्वजनिक नहीं कर रही थी, आज वहीं दस्तावेज चोरी हो गए हैं। जब इस मामले में एससी के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल उठाए तो केंद्र सरकार का कहना था, हम इस मामले की जांच कर रहे हैं, आखिर इतने सीक्रेट कागजात कैसे चोरी हुआ ?
इस मामले से जुड़े अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने एससी से कहा, यदि हम इस मामले को सीबीआई को देते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा। जबकि पुनर्विचार याचिकाओं में राफेल मामले को लेकर केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए गए। जब जांच के लिए याचिका दाखिल की गई, तो तब राफेल डील की महत्वपूर्ण तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दबाया गया। यहां तक तो ठीक हैं, अगर यहीं सीक्रेट फाइल चोरी हो जाती हैं, तो प्रश्न करना लाज्मी हैं। केंद्र सरकार को इस पूरे मामले में सही तरीके से सफाई देनी चाहिए और देश को बताना चाहिए आखिर राफेल की सीक्रेट फाइल कैसे चोरी हुई ?
इसी मामले में सरकार द्वारा बताया गया कि राफेल का पहला बैच सितंबर तक आएगा। 52 भारतीय पायलटों को फ्रांस दो या तीन महीने की ट्रेंनिंग भी देगा। सीमा पर तनाव को देखते हुए, सरकार बार-बार कहती आई है- हमें देश की रक्षा के लिए राफेल जैसे लड़ाकू विमान चाहिए और राफेल के बिना हम दुश्मन का कैसे प्रतिरोध कर सकते हैं।