जब भी कोई युद्ध होता हैं और युद्ध में एक-दूसरे के सैनिक अगर आपस में युद्धबंदी के रूप में पकड़े जाते हैं, तो उस स्थिति में जिनेवा संधि के नियम लागू होता है। इस संधि के तहत युद्धबंदियों को किसी भी प्रकार से डराया-धमकाया या फिर उनका अपमान नहीं किया जाता है। इस संधि के तहत युद्धबंदी को अपना नाम, सैन्य पद, नंबर बताने की अनुमति होती है। इस संधि के तहत पाकिस्तान को पकड़े गए भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन के साथ मानवीय व्यवहार करना होगा। नहीं तो पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही होगी। आपको बता दें, यह संधि हर युद्धबंदियों पर लागू होती हैं। चाहे वह युद्धबंदी किसी भी देश का क्यों ना हो। हां इतना जरूर है, युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जा सकता है, या फिर उन्हें युद्ध के बाद लौटा दिया जाता है। जिनेवा संधि दूसरे विश्व युद्ध के बाद तैयार की गई। इस संधि का मुख्य उद्देश्य युद्ध के समय मानवीय मूल्यों को बनाए रखना है। हालांकि इस संधि का विश्व के कई देश ने उल्लंघन किया हैं। हम उम्मीद करते है, पाकिस्तान इस संधि का पालन कर हमारे विंग कमांडर अभिनंदन को वापस भारत को लौटाए। अगर पाकिस्तान इस नियम का उल्लंघन करता है, तो पाक के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। हम यह इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस वक्त भारत-पाक की इस स्थिति पर पूरे विश्व की नजर बनी हुई है। अगर पाक अपनी इन नापाक हरकतें से बाज नहीं आता है, तो पाकिस्तान को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना होगा।