अंबिकापुर: सरकार चाहे स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कितने भी दावे करे, लेकिन समय-समय पर ऐसी तस्वीर सामने आती है जो उनके दावों की पोल खोलकर रख देती है। ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है अंबिकापुर जिले से, जहां डॉक्टर मरीजों का इलाज छाता पकड़कर कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अस्पताल भवन की छत से पानी टपक रहा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां न तो दवा रखने की जगह है आर न ही मरीजों को भर्ती करने की जगह।
छाते के भरोसे मरीजो का इलाज़ जी हां आपको सुनकर थोड़ा अचरज जरूर हो रहा होगा, लेकिन सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सलका का हाल ऐसा है। बारिश के इस मौसम में डॉक्टरों को छाता लगाकर इलाज करना पड़ रहा है। भारी अव्यवस्था से जूझ रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किस तरह से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रहा है, इसे आसानी से समझा जा सकता है। बिल्डिंग का ऐसा कोई भी कोना नहीं जहां पानी का जमाव ना हो। ऐसा नहीं है कि यह परेशानी नई हो बल्कि विगत कई वर्षों से यह परेशानी बनी हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक द्वारा इस बारे में उच्चाधिकारियों को लिखित में सूचित किया जा चुका है बावजूद इसके इस और ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
2 दिन पहले हुई तेज बारिश में डॉक्टर के साथ साथ मरीज भी परेशान रहे एक व्यक्ति छाता लेकर डॉक्टर के पीछे खड़ा रहा और डॉक्टर साहब मरीज के लिए पर्ची लिखते नजर आ रहे हैं। अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के छत्तीसगढ़ सरकार के दावों की पोल खोलती। यह अस्पताल अपने आप में बहुत कुछ बयां कर जाती है।
इस बारे में प्रभारी चिकित्सक डीके पाण्डेय ने बताया कि इन सारी समस्याओं के बारे में लिखित और मौखिक में बताया जा चुका है, लेकिन उच्चाधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। इस संबंध में सीएमएचओ से भी बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि भवन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। बीएमओ उदयपुर को आवश्यक इंतजाम के लिए निर्देशित किया गया है। नए भवन की 75 लाख रुपए की स्वीकृति के अपश्चात टेंडर हो गया है। एक माह के भीतर नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण चालू हो जाएगा।
इस संबंध में स्थानीय लोगों से बात करने पर लोगों ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हम लोग अपना इलाज कराने आते हैं आज वह खुद बीमार स्थिति में है उस जगह पर हमारा इलाज कैसे होता है यह कह पाना बहुत कठिन है।