छत्तीसगढ़ के जशपुर जेल में विचाराधीन बंदी की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बीमार होने के बाद कैदी को अस्प्ताल में दाखिल किया गया था, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है. वहीं परिजनों ने जेल प्रशासन पर बीमारी की सूचना नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. फिलहाल जेल प्रशासन की सूचना पर मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस की टीम ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ये है पूरा मामला
बगीचा थाना क्षेत्र के ग्राम भड़िया निवासी अमृत राम की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई. जेल अधीक्षक द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के मुताबिक अमृत की तबियत बिगड़ने पर 8 जून को सुबह 10 बजे जेल से लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मृतक अमृत को 25 अप्रैल 2018 को वन अधिनियम एवं वन्य प्राणी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद अमृत राम को विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया था. अधिकारियों के मुताबिक जेल में रहने के दौरान ही अमृत राम की तबियत खराब हुई और जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने लगाया ये आरोप
मृतक के भाई अमीर साय के मुताबिक अमृत घर के आस-पास उगे घास और कचरे में आग लगा रहा था. इस बात को लेकर वनकर्मी से उसकी तीखी बहस हुई थी. इसके बाद उसके खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी. वहीं मृतक के परिजन नंदकुमार का कहना है कि जेल प्रशासन ने उन्हे अमृत के बीमार होने की सूचना नहीं दी थी और सीधे उसकी मृत्यु की सूचना मिली थी. फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है. कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है.