महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपने अधिवक्ता के जरिए पक्ष रखा. याचिका में कहा गया है कि बहुत से लोग किन्नरों के वेश में किन्नरों के बीच शामिल हो गए हैं.
इलाहाबाद. असली और नकली किन्नर में फर्क करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में मांग की गई है कि असली किन्नरों का मेडिकल टेस्ट करवाकर उनकी पहचान की जाए और उनके अधिकारों का संरक्षण किया जाए.
मंजू पाठक की इस जनहित याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने सुनवाई की. याचिका में किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपने अधिवक्ता के जरिए पक्ष रखा. याचिका में कहा गया है कि बहुत से लोग किन्नरों के वेश में किन्नरों के बीच शामिल हो गए हैं. ऐसे लोग बच्चों के जन्म पर, शादी विवाह आदि मौकों पर ट्रेनों में जाकर आतंक मचाते हैं और एक तरह से गुंडा टैक्स की वसूली करते हैं.
याचिका में कहा गया है कि यात्रियों और आम लोगों को भयभीत कर उनसे वसूली को इन्होंने अपना धंधा बना लिया है. इनकी उच्चस्तरीय मेडिकल जांच कराई जाए, जिससे असली और नकली किन्नर का अंतर पता चल सके. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी की है.