कवर्धा :- सार्वजनिक स्थलों एवं दफ्तरों में पब्लिक टॉयलेट में स्वच्छता का अभाव किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को दिखाई नहीं दे रहा है | इन अस्वच्छ और बीमार कर देने वाले टॉयलेट्स का प्रयोग करने के लिए आम जनता मजबूर है |
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा गत वर्षों से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान में करोड़ों अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी इसकी कोई कद्र सरकारी दफ्तरों और सार्वजनिक स्थलों पर दिखाई नहीं दे रही है|
अभी हम आपको जिस कार्यालय की हालत बताने जा रहे हैं यह छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में से बड़े दफ्तरों में शामिल दफ्तर है |मामला कवर्धा स्थित तहसील कार्यालय का है |
टॉयलेट बनवाए और फिर भूल गए
यह टॉयलेट कवर्धा स्थित तहसील के पीछे ही बना हुआ है , देखने में आपको यह ज्यादा समय से बना हुआ नहीं लगेगा ,लेकिन इसकी हालत देख रेख के अभाव में आजा-दादा जमाने से बने टॉयलेट के जैसे हो गई है |
आपको टॉयलेट के दरवाजे जंग लगने से सड़े हुए नजर आयेंगे | सीट्स लाल और फ़र्स काले पड़ गए हैं | टॉयलेट में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही वहां बाल्टी अथवा मग व्यवस्था है | दीवार और फ़र्स का रंग काला हो गया है | जिससे साफ़ पता लग रहा है कि रखरखाव उचित नहीं किया गया है | और वर्षों से पुताई भी नहीं की गई है |