जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान दिवस के मौके पर दिल्ली में उसके उच्चायोग में आयोजित कार्यक्रम के बहिष्कार करने का फैसला लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया है.
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि भारत ने यहां पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला लिया है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के कई अलगाववादी नेताओं को इसमें में आमंत्रित किया गया है.
इस पर पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष मुफ्ती ने ट्वीट किया, ''एक ओर प्रधानमंत्री पाकिस्तान को उसके राष्ट्रीय दिवस की शुभकामनाएं देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इस मौके पर पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में आमंत्रित लोगों को पुलिस बाहर तंग करती है.'' आगे मुफ्ती ने लिखा, ''चुनावी सरगर्मियों में यह पूरी तरह से सोची समझी राजनीति है.''
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार को पाकिस्तान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में 2015, 2016, 2017 और 2018 तक अपने प्रतिनिधियों को भेजने में कोई आपत्ति नहीं हुई, लेकिन इस साल चुनाव आया और कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा कर दी, ताकि वे अधिकारियों और बुलाए गए लोगों को संदेश दे सकें.
साथ ही उमर अब्दुल्ला ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अगर पीएम मोदी पाकिस्तान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में इच्छुक लोगों को शामिल होने से रोक रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शुभकामनाएं भी नहीं भेजनी चाहिए थीं, इससे इस्लामाबाद से रिश्ते को लेकर किसी तरह की दुविधा नहीं रहती.