पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में वर्ष 1984 में हुए दंगों के सिलसिले में दायर 88 दोषियों की अपील पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सभी 88 दोषियों की सजा को बरकरार रखा है।
बता दें कि दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दंगा भड़काने, घरों को जलाने और धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में साल 1996 में 107 लोगों को 5 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद 88 लोगों ने सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी पाए गए करीब 80 से ज्यादा लोगों की अपील पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सितंबर में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब बुधवार 28 नवंबर को अपना फैसला सुनाया।
इन सबके खिलाफ 2 नवंबर, 1984 को कर्फ्यू का उल्लंघन कर हिंसा करने का आरोप भी था। सिख दंगों के दौरान हुई हिंसा में त्रिलोकपुरी में करीब 95 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था और करीब सौ घरों को जला दिया गया था। इस मामले में 95 शव बरामद होने के बाद भी किसी भी दोषी पर हत्या की धाराओं में आरोप तय नहीं हुए थे।
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए दंगों में 95 शव बरामद हुए थे, लेकिन किसी भी दोषी पर हत्या की धाराओं में आरोप तय नहीं हुए थे। पिछली सुनवाई में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।