तुर्की-सीरिया में 24 घंटे में आए भूकंप के सात विनाशकारी झटकों में 8000 से अधिक लोग मारे गए हैं। और ये आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. दोनों देशों में तीस हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, तुर्की में मरने वालों की संख्या आठ गुना तक बढ़ने की उम्मीद है।
तबाही के बीच तुर्की में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। मंगलवार सुबह आए झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.5 मापी गई। इसके बाद दोपहर में 5.4 तीव्रता का भूकंप आया। पिछले 24 घंटों में यह पांचवीं बार है, जब तुर्की में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे की वेबसाइट के मुताबिक, तुर्की में मंगलवार को भी एक बड़ा भूकंप महसूस किया गया। वेबसाइट के मुताबिक, भूकंप सुबह करीब 9.45 बजे रिक्टर पैमाने पर 5.5 मापा गया। भूकंप में मरने वालों की कुल संख्या 5000 को पार कर गई है।
वहीं, सीरिया में आए भूकंप से हुई तबाही से अब तक 1444 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि बड़े भूकंप के झटकों के बाद भी तुर्की और सीरिया के सीमावर्ती इलाके में भूकंप के करीब 100 झटके महसूस किए गए.
तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भूकंप के झटकों से चार हजार से ज्यादा इमारतें ढह गई हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की दबकर मौत हो गई है। WHO के वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि इस भूकंप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
राहत और बचाव कार्य जारी है और भारत समेत दुनिया के कई देशों ने तुर्की की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने एनडीआरएफ की दो टीमों को डॉग स्क्वायड के साथ तुर्की भेजा है। इसके अलावा मेडिकल सप्लाई भी भेजी गई है।
तुर्की में आए भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर नीदरलैंड के एक वैज्ञानिक का ट्वीट वायरल हो रहा है. दरअसल, इस ट्वीट में वैज्ञानिक ने तुर्की में एक बड़े भूकंप की चेतावनी दी थी, जो सच निकला। डच वैज्ञानिक फ्रैंक हजेरबीट्स सोलस सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे इंस्टीट्यूट में शोधकर्ता हैं। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि आज नहीं तो कल मध्य तुर्की और जॉर्डन-सीरिया के इलाके में 7.5 तीव्रता का भूकंप आ सकता है।