भारतीय क्रिकेट टीम को विश्वकप 2019 से पहले सिर्फ 18 वन-डे मुकाबले खेलने हैं, जिसमें अब तक नंबर चार खाली है। इस खाली नंबर पर टीम इंडिया के ‘सिक्सर किंग’ कहे जाने वाले युवराज सिंह की नजर है। उनका कहना है कि विश्वकप 2019 से पहले तक घरेलू टूर्नामेंट खेलना जारी रखूंगा। टीम में चयन होना या न होना, चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है।
युवराज ने क्रीकनेक्स्ट को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे 2019 तक क्रिकेट खेलने का जो मौका मिलेगा, मैं खेलूंगा। टीम में चयन होना मेरे हाथ में नहीं है, मैं सिर्फ मेहनत करते हुए और सुधार ही कर सकता हूं। पिछले साल टीम से ड्रॉप होने के बाद मैंने काफी मेहनत की है और मैं बस क्रिकट पर ही फोकस कर रहा हूं। हर कोई इस समय विश्वकप के लिए टीम में युवा खिलाड़ियों को मौका देने के लिए बात कर रहा है। हालांकि, यह पूरी तरह से चयनकर्ता, कोच और कप्तान का फैसला है।’
वर्तमान में जारी विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब की ओर से खेलते हुए युवी ने 7 मुकाबलों में 264 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 96 का रहा। इस बीच उन्होंने गेंद के साथ भी जरूरत पड़ने पर अपना योगदान दिया।
बता दें कि साल 2017 में यो-यो टेस्ट में फेल होन के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद युवी ने टेस्ट को पास तो किया, लेकिन घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लचर प्रदर्शन के बाद उनकी वापसी को बड़ा झटका लगा। इसके बाद युवराज सिंह ने पहले इंग्लैंड में जाकर ट्रेनिंग की और अब वह पहले से भी ज्यादा फिट नजर आ रहे हैं।
युवाओं की जगह नहीं लेंगे युवराज
युवी ने साफ कर दिया है कि जबतक उनकी जरूरत नहीं होगी, तब तक वह इस साल रणजी ट्रॉफी में भी नहीं खेलेंगे। युवी ने कहा, ‘मैं अगर चार दिवसीय मुकाबले खेलता हूं, तो अनमोलप्रीत सिंह और शुबमिन गिल जैसे खिलाड़ियों के साथ अच्छा नहीं होगा, क्योंकि उन्हें बाहर बैठना पड़ सकता है। उनका चयन अगर इंडिया-ए के लिए होता है, तो मैं कुछ मैच खेल सकता हूं। मुझे विश्वकप खेलना है, इसलिए मैं किसी युवा खिलाड़ी की जगह नहीं लेना चाहता। मैं अब घरेलू टी20 टूर्नामेंट खेलना की तैयारी कर रहा हूं और देखते हैं क्या होता है।’