बॉलीवुड सहित दूसरे क्षेत्रों में शुरू हुए सोशल मीडिया कैंपेन ‘मी टू’ की आंच अब खेल जगत की ओर पहुंच गई है। स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी रहीं ज्वाला गुट्टा ने इसकी शुरुआत की है। हालांकि, उन्होंने जिस बात का जिक्र किया है, उसमें मानसिक उत्पीड़न की बात कही गई है।
कॉमनवेल्थ गेम्स में दो बार मेडल जीत चुकीं ज्वाला गुट्टा ने बिना किसी का नाम लिए लिखा है कि उस शख्स के चलते वे मानसिक तौर पर काफी प्रताड़ित हुईं और उनके जल्द खेल छोड़ने का यह भी एक अहम कारण रहा। इस ट्वीट के बाद ज्वाला गुट्टा ने एक और ट्वीट किया और लिखा, ’2006 के बाद से जब से यह व्यक्ति चीफ बना है, उसने मुझे नेशनल टीम से बाहर फेंक दिया, जबकि तब मैं नेशनल चैंपियन थी। रियो से लौटने के बाद से मैं नेशनल टीम से बाहर हूं और मेरे जल्द खेल छोड़ने का यह भी एक अहम कारण है।’
ज्वाला यहीं नहीं रुकीं और आगे लिखा, ’यह आदमी जब मुझसे नहीं निपट सका, तो इसके मेरे माता-पिता को प्रताड़ित करना शुरू किया और मुझे सबसे अलग करने की धमकी दी। रियो के बाद भी जिसके साथ मैं मिक्स्ड खेलने वाली थी, उसे भी धमकाया गया और मुझे टीम से बाहर फेंक दिया गया।’
इन सभी ट्वीट् में 35 साल की ज्वाला ने किसी का नाम नहीं लिया है। हालांकि, आशंक जताई जा रही है कि ज्वाला का इशारा मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद की ओर हो सकता है। पहले भी अपने खेल के करियर के दौरान ज्वाला गुट्टा ने आरोप लगाया था कि केवल सिंगल्स खेलने वाले खिलाड़ियों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और डबल्स वालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
बता दें कि ज्वाला डबल्स में भारत की सबसे सफल महिला खिलाड़ियों में से एक रही हैं। उन्होंने 2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज सहित 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता।