उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए पांचवें चरण की वोटिंग के तहत वोट डाले जा रहे हैं. अमेठी देश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है. इस सीट पर कुल 27 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन यहां पर मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी की प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच है. राहुल गांधी लगातार चौथी बार इस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं. इससे पहले वह लगातार तीन बार यहां से सांसद रह चुके हैं.
अपडेट्स
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल गांधी पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया है. अमेठी ने एक वीडियो ट्वीट शेयर कहा है कि राहुल गांधी बूथ कैप्चरिंग करवा रहे हैं. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में स्मृति ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग और प्रशासन को इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
सुल्तानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह अपनी पत्नी अमिता सिंह के साथ वोट डालने अमेठी आए. अस्पताल में शख्स की मौत पर स्मृति ईरानी के आरोपों का जवाब देते हुए संजय सिंह ने कहा कि स्मृति ईरानी और मोदी झूठे आरोप लगाते हैं, उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. अब वो जाने वाले हैं.
मतदान के दौरान अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोला है. अमेठी में स्मृति ने कहा कि अमेठी के अस्पताल में जहां राहुल गांधी ट्रस्टी हैं वहां पर एक बीमार शख्स को इलाज नहीं मिला क्योंकि उसके पास आयुष्मान भारत का कार्ड था. स्मृति ईरानी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि उस शख्स का इलाज नहीं हुआ क्योंकि कांग्रेस को अपनी राजनीति प्यारी है. स्मृति ने कहा कि ये परिवार इतना घिनौना है कि ये एक निर्दोष को मौत के घाट उतारने को तैयार है.वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत 100 से ज्यादा लोगों का इलाज हुआ है. कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा है कि जिस शख्स की चर्चा हो रही है वो लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित था और डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की.
सुल्तानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह अपनी पत्नी अमिता सिंह के साथ वोट डालने अमेठी आए. अस्पताल में शख्स की मौत पर स्मृति ईरानी के आरोपों का जवाब देते हुए संजय सिंह ने कहा कि स्मृति ईरानी और मोदी झूठे आरोप लगाते हैं, उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. अब वो जाने वाले हैं.
मतदान के दौरान अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर हमला बोला है. अमेठी में स्मृति ने कहा कि अमेठी के अस्पताल में जहां राहुल गांधी ट्रस्टी हैं वहां पर एक बीमार शख्स को इलाज नहीं मिला क्योंकि उसके पास आयुष्मान भारत का कार्ड था. स्मृति ईरानी ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि उस शख्स का इलाज नहीं हुआ क्योंकि कांग्रेस को अपनी राजनीति प्यारी है. स्मृति ने कहा कि ये परिवार इतना घिनौना है कि ये एक निर्दोष को मौत के घाट उतारने को तैयार है.वहीं कांग्रेस ने कहा है कि इस अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत 100 से ज्यादा लोगों का इलाज हुआ है. कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा है कि जिस शख्स की चर्चा हो रही है वो लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित था और डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की.
आजादी के बार पहली बार लोकसभा चुनाव हुए तो अमेठी संसदीय सीट वजूद में ही नहीं थी. पहले ये इलाका सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था और यहां से कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर जीते थे. इसके बाद 1957 में मुसाफिरखाना सीट अस्तित्व में आई, जो फिलहाल अमेठी जिले की तहसील है. केशकर यहां से जीतने में भी सफल रहे. 1962 के लोकसभा चुनाव में राजा रणंजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. रणंजय सिंह वर्तमान राज्यसभा सांसद संजय सिंह के पिता थे.
अमेठी लोकसभा सीट 1967 में परिसीमन के बाद वजूद में आई. अमेठी से पहली बार कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी सासंद बने. इसके 1971 में भी उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन 1977 में कांग्रेस ने संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह जीत नहीं सके. इसके बाद 1980 में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी चुनावी मैदान में उतरे और इस तरह से इस सीट को गांधी परिवार की सीट में तब्दील कर दिया. हालांकि 1980 में ही उनका विमान दुर्घटना में निधन हो गया. इसके बाद 1981 में हुए उपचुनाव में इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए.
साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गांधी एक बार फिर उतरे तो उनके सामने संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी निर्दलीय चुनाव लड़ीं लेकिन उन्हें महज 50 हजार ही वोट मिल सके. जबकि राजीव गांधी 3 लाख वोटों से जीते. इसके बाद राजीव गांधी ने 1989 और 1991 में चुनाव जीते. लेकिन 1991 के नतीजे आने से पहले उनकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद 1996 में शर्मा ने जीत हासिल की, लेकिन 1998 में बीजेपी के संजय सिंह हाथों हार गए.
सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने 1999 में अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया. वह इस सीट से जीतकर पहली बार सांसद चुनी गईं, लेकिन 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी. इसके बाद से राहुल ने लगातार तीन बार यहां से जीत हासिल की.