माफिया डॉन से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद जेल में रहते हुए वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अतीक अहमद को यदि कोर्ट पैरोल पर रिहा नहीं करती है तो वह जेल में रहते हुए वाराणसी से चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं. बता दें कि अतीक अहमद ने वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए स्पेशल कोर्ट में थोड़े समय के लिए जमानत की याचिका दायर की है. उनकी पैरोल की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी.
पूर्व सांसद अतीक की पत्नी का बयान
पूर्व सांसद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया, ‘शनिवार को मैं नैनी केंद्रीय कारागार में अतीक अहमद से मिलने गई थी और उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की.’
उन्होंने बताया कि सभी पार्टी के उम्मीदवारों को देखने के बाद ऐसे प्रतीत होता है कि सारी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वॉक ओवर दे दिया है. यदि एसपी-बीएसपी गठबंधन, कांग्रेस ईमानदारी से बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देना चाहते हैं तो क्यों न सारी पार्टियां अतीक अहमद का समर्थन करें.
परवीन ने बताया कि उनके पति ने चुनाव के प्रचार के लिए तीन सप्ताह की सशर्त जमानत पर रिहाई की अर्जी कोर्ट में दी है, जिस पर 29 अप्रैल को निर्णय होगा. मैंने अपने पति अतीक अहमद से गुजारिश की है कि किन्हीं कारणों से अगर जमानत मिलने में दिक्कत हो तो वह जेल में रहकर चुनाव लड़ने पर पुनर्विचार करें.
26 अपराधिक मामलों पर चल रही सुनवाई
फिलहाल इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक अहमद को लेकर पहले ही स्पेशल कोर्ट 26 आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रही है. अतीक के वकीलों ने बताया कि पूर्व सांसद ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र हासिल कर लिया है. हालांकि, जेल में बंद होने के चलते अतीक के लिए चुनाव प्रचार संभव नहीं होगा. इसलिए एक नई अर्जी कोर्ट में दायर कर थोड़े समय के लिए जमानत की गुहार लगाई है.
वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राज्य महासचिव लल्लन राय ने कहा है कि अगर आतीक अहमद को पैरोल मिल जाती है तो वह उनकी पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेंगे.
कौन है अतीक अहमद
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. वह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले हैं. हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी. पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में उनका नाम आया. अतीक अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार राज्य में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूली आदि के मामले दर्ज हैं. 2014 में वह समाजवादी पार्टी की टिकट से फूलपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने.