राहुल-सोनिया-स्मृति और राजनाथ समेत ये हैं पांचवें फेज के 10 बड़े फेस

राहुल-सोनिया-स्मृति और राजनाथ समेत ये हैं पांचवें फेज के 10 बड़े फेस Date: 06/05/2019
लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण में आज सात राज्यों की 51 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है. इस चरण में जहां मोदी सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत पर फैसला हो रहा है, वहीं देश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से लेकर राजनाथ सिंह व दिनेश त्रिवेदी के लोकसभा क्षेत्रों में आज वोटिंग हो रही है.
 
1. सोनिया गांधी
 
रायबरेली लोकसभा सीट पर अब तक हुए चुनाव में कोई भी उम्मीदवार चार बार से अधिक चुनाव जीतकर लोकसभा नहीं पहुंचा है. जबकि फिरोज गांधी से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं. इस सीट पर अभी तक सबसे ज्यादा चार बार जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम है. सोनिया ने रायबरेली से पहला चुनाव 2004 में जीता. इसके बाद 2006 में यहां उपचुनाव में सोनिया जीतीं. इसके बाद 2009 व 2014 में भी लगातार सोनिया गांधी को रायबरेली की जनता ने चुना और एक बार फिर वो मैदान में हैं.
 
2. राहुल गांधी
 
यूपी की अमेठी सीट पर अभी तक 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं. इनमें से कांग्रेस ने 16 बार जीत दर्ज की है. वहीं, 1977 में लोकदल और 1998 में बीजेपी को जीत मिली है. जबकि बसपा और सपा अभी तक अपना खाता नहीं खोल सकी है. 2004 से राहुल गांधी इस सीट से जीत रहे हैं. इस बार उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी कड़ी चुनौती दे रही हैं.
 
3. राजनाथ सिंह
 
लखनऊ संसदीय सीट पर कुल 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिसमें सबसे ज्यादा 7 बार बीजेपी और 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यह सीट पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि रही है और वह यहां से 5 बार सांसद चुने गए. अब उनकी विरासत को राजनाथ सिंह संभाल रहे हैं. 2014 में राजनाथ सिंह इसी सीट से जीते थे. अब राजनाथ के सामने गठबंधन प्रत्याशी के रूप में शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा लड़ रही हैं.
 
4. स्मृति ईरानी
 
43 साल की स्मृति ईरानी राजनीति में आने से पहले मशहूर टीवी अदाकारा थीं. स्मृति एक बार फिर अमेठी लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. 2014 में मोदी लहर के बावजूद स्मृति ईरानी राहुल को हरा नहीं पाई थीं, लेकिन उन्होंने कड़ी चुनौती दी थी. अब एक बार फिर स्मृति ईरानी बीजेपी के टिकट पर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
 
5. राजीव प्रताप रूडी
 
राजीव प्रताप रूडी बिहार की सारण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. रूडी अटल सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. 2014 में जीतने के बाद वे मोदी सरकार में भी मंत्री बनाए गए थे. रूडी यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन से ए-320 विमान उड़ाने का लाइसेंस है. रूडी एक बार फिर सारण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
 
6. राज्यवर्धन सिंह राठौर
 
राजस्थान की जयपुर ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में भाजपा उम्मीदवार कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर राजनीति में आने से पहले पेशेवर शूटर थे. उन्होंने 2004 ओलंपिक खेलों के डबल ट्रैप इवेंट में रजत पदक जीता था. राठौर को 2005 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. सेना और शूटिंग से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, वे 2014 में भाजपा के सांसद बने. नवंबर 2014 में, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बने. राठौर को 2017 में युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए स्वतंत्र प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया.
 
7. जयंत सिन्हा
 
जयंत सिन्हा पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. जयंत झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसी सीट से वो 2014 में चुनाव जीते थे. जयंत सिन्हा दिल्ली, बिहार और जर्मनी में रहे हैं. जयंत सिन्हा ने आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया.
 
8. साध्वी निरंजन ज्योति
 
साध्वी निरंजन ज्योति बीजेपी की फायर ब्रांड नेता मानी जाती हैं. संगठन और पार्टी में उन्होंने संतुलन साधा ही, अपनी साध्वी परंपरा को हमेशा कायम रखा. उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से 2 बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और हार गईं. लेकिन 2012 में उन्होंने बाजी पलट दी और रिकॉर्ड वोटों से हमीरपुर से विधायक चुनी गईं. 2014 में उन्हें फतेहपुर से सांसद का टिकट मिला और यहां भी उन्होंने रिकॉर्ड मतों से विजय हासिल की. एक बार फिर निरंजन ज्योति फतेहपुर से चुनावी मैदान में हैं.
 
9. दिनेश त्रिवेदी
 
दिनेश त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं, जो पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से सांसद हैं. त्रिवेदी इंडो-यूरोपीय संघ संसदीय मंच के अध्यक्ष भी हैं. वे रेल मंत्री भी रह चुके हैं. 1980 में दिनेश त्रिवेदी कांग्रेस में शामिल हो गए. 1990 में जनता दल में चले गए. फिर 1998 में तृणमूल कांग्रेस में चले गए और पार्टी के पहले महासचिव बने. 2011 में रेल मंत्री बने.
 
10. अर्जुन मुंडा
 
झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट पर 5वें चरण में आज वोटिंग हो रही है. इस सीट से कुल 11 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बीजेपी ने यहां से अर्जुन मुंडा को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस से कालीचरण मुंडा मैदान में हैं. खूंटी लोकसभा सीट मुख्य रूप से मुंडा जनजातियों के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि छोटानागपुर के राजा मदरा मुंडा के बेटे सेतिया के आठ बेटे थे. उन्होंने ही एक खुंटकटी गांव की स्थापना की जिसे उन्होंने खुंति नाम दिया, जो बाद में खूंटी हो गया. इस सीट से 2014 में बीजेपी के करिया मुंडा जीते थे.

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