लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण की वोटिंग के बाद से विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माइंडगेम खेल रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसकी अगुवाई करते हुए नजर आ रहे हैं. लगातार राहुल गांधी कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार चुके हैं तो ममता बनर्जी कह रही हैं कि हम उन्हें प्रधानमंत्री नहीं मानती. इन सब के बीच तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सीएम गठबंधन का जाल बुनने में जुट गए हैं. ऐसे में बीजेपी और पीएम मोदी कहीं न कहीं उलझते हुए नजर आ रहे हैं.
राहुल गांधी के आत्मविश्वास के मायने
लोकसभा चुनाव के पांच चरण की वोटिंग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आत्मविश्वास के साथ कह रहे हैं कि यह चुनाव नरेंद्र मोदी हार चुके हैं. राहुल कह रहे हैं कि पांच साल पहले कहा जाता था कि मोदी को हराया नहीं जा सकता और वह 10-15 साल शासन करेंगे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें खत्म कर दिया है. ये जो ढांचा खड़ा है, वो खोखला है और 10-15 दिन में ढह जाएगा.
राहुल ने कहा, 'मुझे बीजेपी का कोई रणनीतिक प्रचार नहीं दिखाई देता. मुझे एक डरे हुए प्रधानमंत्री दिखाई दे रहे हैं जो विपक्ष के हमलों का सामना करने में असमर्थ हैं और जो पूरी तरह मान चुके हैं कि वह फंस गए हैं और कामयाब नहीं होने वाले.' राहुल ने यह बात एक जगह नहीं कहा बल्कि अपनी अधिकरतर जनसभाओं और सभी दिए गए इंटरव्यू में कह रहे हैं. यही नहीं राहुल ने गुरुवार को ट्वीट करके भी कहा, 'नरेंद्र मोदी जी चुनाव हार रहे हैं, डर रहे हैं। जिसके कारण मोदी जी, शहीदों, जवानों, किसानों और युवाओं का अपमान कर रहे हैं.'
राहुल गांधी के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव हारने जा रहे है. उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें मिलने जा रही हैं.
'मोदी को मैं पीएम नहीं मानती'
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हाल ही में आए फानी तूफान के बाद नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच तूफान खड़ा हो गया है. फानी तूफान के बाद पीएम मोदी ने बंगाल में एक रैली में कहा था, ' चक्रवात के समय मैंने ममता दीदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी, लेकिन दीदी का अहंकार इतना ज्यादा है कि उन्होंने बात नहीं की.' मोदी ने ममता बनर्जी को कलाईकुंडा में एक बैठक के लिए बुलाया था जहां वह चक्रवात प्रभावित ओडिशा का दौरा करने के बाद एक चुनावी सभा के लिए उतरे थे. ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा था, 'मैं नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं मानती और मैं उनके साथ एक मंच पर नहीं दिखना चाहती.'
ममता बनर्जी ने पहले बिष्णुपुर में एक रैली के दौरान कहा था, 'मैं उन्हें देश का प्रधानमंत्री नहीं मानती हूं, इसलिए मैं बैठक में नहीं बैठी. मैं उनके साथ एक ही मंच पर नहीं दिखना चाहती हूं. मैं अगले पीएम से बात करूंगी. हम चक्रवात से होने वाले नुकसान का ध्यान रख सकते हैं. हमें चुनाव से पहले केंद्र की मदद की जरूरत नहीं है. क्या हम उनके नौकर हैं कि वह जहां भी बुलाएंगे हमें वहां जाना पड़ेगा. मैं चुनावी समय के दौरान एक 'एक्सपायरी' प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा क्यों करूं?'
केसीआर-नायडू गठबंधन की पहल
लोकसभा चुनाव अभी पूरा भी नहीं हुआ कि बीच में ही गठबंधन की पहल नेताओं ने शुरू कर दी है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर लोकसभा चुनाव की सियासी नब्ज को समझते हुए गठबंधन की कवायद शुरू कर दी है. इस कड़ी में उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता पिनरई विजयन से मुलाकात करके राजनीतिक हालात पर चर्चा की. ऐसे ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गठबंधन का जाल बुनने में जुट गए हैं.
नायडू ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. नायडू ने राहुल के साथ सातों चरण के चुनाव निपटते ही और नतीजे से पहले 21 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की योजना पर चर्चा की. दिलचस्प बात यह है कि नायडू और केसीआर से पहले बीजेपी के कुछ नेता और उसके सहयोगी दल भी यह मानकर चल रहे हैं कि नरेंद्र मोदी इस बार बहुमत का जादुई आंकड़ा छू नहीं पाएंगे. पहले सुब्रमण्यम स्वामी तो फिर राम माधव और अब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का यह कहना बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिलना मुश्किल है. सरकार बनाने के लिए बीजेपी को सहयोगी दलों की जरूरत पड़ सकती है.