प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर राज्य में कोयला खदानों में माफिया राज चलाने और खदान मजदूरों को उनके मेहनताने से वंचित करने का आरोप लगाया. आरोपों पर जवाब देते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री एक भी प्रत्याशी पर आरोप को सिद्ध कर देते हैं तो वे राज्य की सभी 42 सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामांकन वापस ले लेंगी.
बांकुरा में एक रैली में मोदी ने कहा, "आप सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि कैसे कोयला खदानों में तृणमूल का माफिया राज बढ़ा है. तृणमूल के नेता पैसे कमा रहे हैं और आम खदान श्रमिक अपने पारिश्रमिक से वंचित हैं." इसके बाद पुरुलिया में एक सभा में मोदी ने कहा, "लोगों ने लोकतंत्र के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी, उनका बलिदान बेकार नहीं जाएगा." उन्होंने कहा, "पुरुलिया प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है. आप लोग काले सोने पर बैठे हो. अभी तक सभी सरकारों ने यहां माफिया राज को बढ़ावा दिया है. वास्तव में तृणमूल सरकार ने माफिया को अपनी गतिविधियों का हिस्सा बना लिया है."
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई राजनीतिक पार्टी घुसपैठियों, माफिया, गुंडों और बदमाशों के लिए राजनीति करती है तब उसे आदिवासियों के लिए अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं होता. उन्होंने कहा, "यही पश्चिम बंगाल में हो रहा है. जब भी मोदी इस अराजकता पर बोलता है, दीदी नाराज हो जाती हैं." ममता बनर्जी ने इन बातों का करारा जवाब दिया.
बनर्जी ने एक रैली में कहा, "आपने कहा कि तृणमूल के प्रत्याशी कोयला माफिया हैं. मैं आप को चुनौती देती हूं. मैं राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों के नामांकन वापस ले लूंगी अगर आप हमारे किसी एक प्रत्याशी पर भी इन आरोपों को साबित करके दिखा दें."
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, ममता ने कहा कि कोयला केंद्र सरकार के अधीन आता है और बीजेपी नेता कोयला लेनदेन के एजेंट बन गए हैं. उन्होंने मोदी को चेताया और कहा कि मेरे पास एक पेन ड्राइव है, अगर इसे सार्वजनिक कर दिया तो सारे कोयला माफिया और गाय की तस्करी के सारे दस्तावेज बाहर आ जाएंगे. दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "दीदी को चिटफंड पीड़ितों, पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं, रोज उत्पीड़ित होती महिलाओं, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार महंगाई भत्ता और वेतन नहीं देने पर उनके प्रकोप के बारे में चिंता करनी चाहिए." पीएम मोदी के मुताबिक, ममता को काली-सरस्वती-दुर्गा-राम भक्तों के क्रोध के बारे में चिंता करनी चाहिए, जिन्हें डर के बीच पूजा करनी पड़ती है.