पश्चिम बंगाल की ममता और केंद्र की मोदी सरकार में तरकरार बढ़ती जा रही है. अब ममता सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की बैठक का बहिष्कार किया है. यह बैठक सभी राज्यों के साथ जल संकट को लेकर है. जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि सभी राज्यों ने अपने प्रतिनिधियों या मंत्रियों को भेजा, लेकिन बंगाल सरकार की ओर से कोई नहीं आया.
इससे पहले ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगाल हिंसा के दौरान मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवारवालों को शपथ ग्रहण में न्योता भेजे जाने से ममता नाराज थीं. ऐन वक्त पर ममता ने अपना कार्यक्रम कैंसिल करते हुए एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, 'बीजेपी दावा कर रही है कि उसके 54 लोग पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा में मारे गए हैं, जो कि गलत है. बंगाल में कोई भी राजनीतिक हत्याएं नहीं हुई हैं.'
फानी तूफान को लेकर मीटिंग का भी किया बहिष्कार
लोकसभा चुनाव से ही बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच जंग जारी है. चुनाव में पीएम मोदी और सीएम ममता ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे. इसी दौरान फानी तूफान पर पीएम मोदी, बंगाल सरकार के साथ मीटिंग करना चाहते थे, लेकिन ममता बनर्जी ने इससे इंकार कर दिया था. ममता ने कहा था कि तूफान के जरिए मोदी राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं.
बंगाल में हिंसा का दौर जारी
चुनाव में बीजेपी ने बंगाल के अंदर शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी यहां 18 सीटें जीतने में कामयाब हुई, जबकि टीएमसी को 22 सीटें मिली. चुनाव परिणामों के बाद से ही बंगाल में हिंसा का दौर जारी है. दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो रही है. ममता बनर्जी ने खुद माना है कि अभी तक 10 कार्यकर्ता हिंसक झड़प की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने आंकड़ा 12 बताया है.