भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में हुए मतदान के बाद पूरी बीरभूम लोकसभा पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है. इसके अलावा आसनसोल की कुछ सीटें, कृष्णानगर और रानाघाट के कई मतदान केंद्रों पर रीपोलिंग की मांग है. बीजेपी ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से इस मामले में संपर्क किया है.
प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने बीरभूम में बड़े पैमाने पर चुनावी गड़बड़ियों के लिए का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग ने अनुब्रत मंडल पर निगरानी रखने की योजना बनाई थी ताकि वह लोकतंत्र को खतरा नहीं पहुंचा सकें, वह खुलकर कह रहे हैं कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता."
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ये भी कहा कि हमने पूरे बीरभूम संसदीय क्षेत्र में और बराबोनी, पांडेश्वर (दोनों आसनसोल), चकदाह (रानाघाट) और छपरा (कृष्णनगर का भाग) में दोबारा चुनाव कराने की मांग की है.
जयप्रकाश मजूमदार ने तृणमूल पर प्रणालीगत तरीके से हुए चुनाव में हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की रणनीति है कि उन्होंने चुनाव आयोजित करवा रहे अधिकारियों से या तो काम नहीं करने लिए या फिर देर से प्रतिक्रिया देने के लिए कहा है. इनकी दूसरी रणनीति लोगों में हिंसा फैलाकर उन्हें डराने की है.
इसके अलावा केंद्रीय बलों द्वारा बीरभूम के दुबराजपुर विधानसभा में हुई फायरिंग के बारे में जब जयप्रकाश मजूमदार से पूछा तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल ने अपने बचाव में फायरिंग की थी. साथ ही यह भी कहा कि यह राज्य के लिए शर्म का विषय है कि यहां के बूथ जाम करने और लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करने की खबर आ रही हैं. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां काफी कड़ा मुकाबला है, वहां नेतागण बहस कर रहे हैं, वहां से तो कहीं भी हिंसा की कोई खबर नहीं थी.
दरअसल चौथे चरण में सोमवार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा हुई, जिससे जगह जगह टीएमसी और बीजेपी समर्थकों में भिड़ंत हुई. आसनसोल में टीएमसी वालों ने बीजेपी प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो की गाड़ी तोड़ दी. हंगामा इतना बढ़ गया कि सुरक्षाकर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा और उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया गया और.
घटना के बाद केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने मतदान केंद्र पर केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की. इसके बाद बीजेपी और टीएमसी चुनाव आयोग तक पहुंच गईं. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ आयोग में शिकायत की और चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे दिया.