यूपी की राजनीति में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे मायावती और मुलायम आज वर्षों पहले की कड़वाहट भुलाकर एक साथ चुनावी मंच पर होंगे. 1995 के गेस्टहाउस कांड के 24 साल बाद दोनों नेता एक मंच पर जुट रहे हैं. मैनपुरी में शुक्रवार की होने वाली रैली पर सबकी निगाहें होंगी जब बसपा सुप्रीमो मायावती अपने पुराने विरोधी मुलायम सिंह के लिए वोट मांगेंगी. इस रैली में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना है. तीसरे चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होनी है उसमें एक सीट मैनपुरी है जहां 23 अप्रैल को वोटिंग है.
समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोद) महागठबंधन की उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में संयुक्त रैली है. मैनपुरी की क्रिश्चियन फील्ड में होने वाली इस रैली में मायावती मुलायम सिंह के साथ मंच साझा करेंगी. इसके जरिये महागठबंधन प्रतिद्वंद्वियों को यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि सभी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं.
रैली की तैयारियों पर सपा जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह रैली को सम्बोधित करेंगे. इस मौके पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहेंगे. रैली की तैयारियों में जुटे मैनपुरी सदर से सपा विधायक राज कुमार उर्फ राजू यादव ने बताया कि मुलायम ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि की है.
शुरू में ऐसी खबरें थीं कि मुलायम रैली में शामिल नहीं होंगे. वर्मा ने बताया कि रैली में लाखों की भीड़ आएगी. बसपा जिलाध्यक्ष शिवम सिंह ने बताया कि मायावती शुक्रवार को सैफई के रास्ते मैनपुरी पहुंचेंगी और रैली में हिस्सा लेंगी.
आपको बताते चलें कि 1993 में गठबंधन कर सरकार बनाने वाली सपा और बसपा के बीच 5 जून 1995 को लखनऊ में हुए गेस्टहाउस कांड के बाद जबरदस्त खाई पैदा हो गयी थी. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सपा से हाथ मिलाने के बाद मायावती स्पष्ट कर चुकी हैं कि दोनों पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिए आपसी गिले-शिकवे भुला दिए हैं. इस रैली में मायावती, मुलायम सिंह के समर्थन में क्या बयान देने वाली है यह गौर करने वाली बात होगी.