लोकसभा चुनाव 2019 अपने अंतिम चरण में हैं. सातवें चरण की वोटिंग में बस कुछ ही दिन बाकी है. लेकिन चुनावी माहौल में नेताओं के बीच चलने वाले अरोप-प्रत्यारोप के दौर को देखकर लग रहा है कि चुनाव पहले चरण की तरह ही अंतिम चरण में भी आक्रामक होकर लड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बाद अब राजद सुप्रीमो लालू यादव ने जेल से ही बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
जब से विधानसभा चुनाव में साथ देने के बाद अचानक से नीतीश ने बीजेपी का हाथ पकड़ राजद को धक्का दिया है, उन्हें आए दिन लालू परिवार के तंज का सामना करना पड़ता है. पलटवारी में नीतीश कुमार कभी चुप रहते हैं तो कभी बोल पड़ते हैं.
लालू प्रसाद यादव ने चिट्ठी में नीतीश कुमार को छोटा भाई बताते हुए लिखा कि नीतीश कुमार को उजालों से नफरत हो गई है इसलिए ही लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हैं. लालू यादव ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के चिन्ह पर भी सवाल करते हुए उसे मार-काट और हिंसा का प्रतीक बताया. लालू यादव ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने गरीब जनता की पीठ में तीर मारा है.
लालू यादव ने लिखा, 'सुनो छोटे भाई नीतीश, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज़्यादा ही नफ़रत सी हो गयी है. दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो. तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है. मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है. ग़रीबों के जीवन से तिमिर (अंधेरा) हटाने का उपकरण है. हमने लालटेन के प्रकाश से ग़ैरबराबरी, नफ़रत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे. तुम्हारा चिह्न तीर तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है. मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है.'
लालू यादव ने लिखा, 'जनता को लालटेन की ज़रूरत हर परिस्थिति में होती है. प्रकाश तो दिए का भी होता है. लालटेन का भी होता है, और बल्ब का भी होता है. बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते. इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है. समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए ख़ुद को दिया और बाती बनना पड़ता है. समझौतों को दरकिनार कर जातिवादी, मनुवादी और नफ़रती आँधियों से उलझते व जूझते हुए ख़ुद को निरंतर जलाए रहना पड़ता है. तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्धांतिक उसूलों को. डरकर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है.'
लालू यादव ने कहा कि यह जमाना मिसाइल का है. तीर का जमाना लद गया है. तीर अब संग्रहालय में दिखेगा. लालटेन हर जगह जलता दिखेगा. पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ ग़रीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है. बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ. तुम्हारी मर्जी.'
यह पहली बार नहीं है जब लालू यादव और उनका परिवार नीतीश कुमार पर हमलावर हुए हैं. हाल ही में लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा था, 'अन्यायी, अत्याचारी, निरकुंश और निर्वंश नीतीश-मोदी सरकार ने साहेब को झूठे केस में फंसाया, जेल में सताया, इलाज नहीं करवाया, अमानवीय सलूक कर अपने पालतू गुंडो से गाली दिलवाया. जनता अबकी बार वोट के थपेड़ों से इनको करारा-गर्मागर्म तमाचा जड़ेगी. ऐसा तमाचा जड़ेगी की भूले नहीं भुलाएंगे.'