लोकसभा चुनाव के शुरुआती दौर में कांग्रेस के लिए नरम रुख रखने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पांचवें चरण के आते-आते तेवर सख्त कर लिए हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों को अखिलेश एक ही सिक्के के दो पहलू बता रहे हैं. अखिलेश कहते हैं कि आज उनके खिलाफ जो सीबीआई जांच चल रही है, उसके लिए बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस जिम्मेदार है. सीबीआई को लेकर कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने जुगलबंदी कर रखी है और दोनों पार्टियां ने सीबीआई से गठबंधन कर रखा है.
अखिलेश यादव ने आजतक की टीम के साथ विशेष बातचीत में कहा कि जिस पीआईएल के चलते उनके और उनके परिवार के लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामले चल रहे हैं, उसे किसी और ने नहीं बल्कि कांग्रेस नेता ने ही दाखिल कर रखा है. अखिलेश यादव जब भी कांग्रेस को निशाने पर लेते हैं तो उनके टारगेट पर एक ही शख्स होता है. हालांकि सपा अध्यक्ष ने उस शख्स का नाम नहीं लिया है. ऐसे में हम बताते हैं कि उस कांग्रेस नेता का नाम विश्वनाथ चतुर्वेदी है, जिसके चलते अखिलेश यादव और उनके परिवार पर सीबीआई जांच चल रही है.
विश्वनाथ चतुर्वेदी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और पिछले 17 साल से मुलायम परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर पीआईएल दाखिल कर रखी है. चतुर्वेदी की याचिका पर ही मुलायम परिवार जांच के घेरे में है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2007 में चतुर्वेदी की जनहित याचिका पर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश व पत्नी डिंपल और भाई प्रतीक यादव की संपत्तियों की जांच करने का आदेश दिया था. इसके अलावा विश्वनाथ चतुर्वेदी ने लखनऊ लैंड स्कैम और खाद्यान मामले में भी याचिका लगा रखी है.
विश्वनाथ चतुर्वेदी ने आजतक से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर इतनी ही बुरी थी तो 10 साल तक यूपीए को सपा क्यों समर्थन देती रही है. अखिलेश यादव इतने भोले आदमी तो हैं नहीं कि जिस कांग्रेस ने आपके खिलाफ मुकदमा कर रखा है, उसके साथ कैसे थे. ऐसे में आपकी क्या मजबूरी थी. मुलायम सिंह यादव नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने की कामना कर रहे हैं. सीबीआई के जेल जाने से बचने के लिए ये सत्ताधारी पार्टी के पिछलग्गू बने रहे.
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि सपा ने राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदी के खिलाफ डमी कैंडिडेट को उतारा है. इससे साफ है कि ये लोग ही बीजेपी से पींगे बढ़ा रहे हैं. चतुर्वेदी ने कहा, 'मैंने तो राजनाथ सिंह के खिलाफ हैदरगढ़ सीट से चुनाव लड़ा है. बीजेपी ने हमारी सुरक्षा हटा ली. मैं अवध का आदमी हूं और साझी विरासत में विश्वास करता हूं. ऐसे में हमारे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद है.'
बता दें कि विश्वनाथ चतुर्वेदी का जन्म रायबरेली के शिवगढ़ में हुआ और पढ़ाई-लिखाई लखनऊ केकेसी कॉलेज में हुई. इस दौरान उन्होंने एनएसयूआई के जरिए राजनीति में कदम रखा और यूथ कांग्रेस के रास्ते होते हुए अपनी सियासत को आगे बढ़ाया. 2004 में केंद्र में जब यूपीए की सरकार बनी तब विश्वनाथ चतुर्वेदी कांग्रेस के महासचिव रहे.
राजनाथ सिंह 2000 में जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तब वो प्रदेश में किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. ऐसे में उनके लिए बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट से पुत्तू अवस्थी ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. राजनाथ सिंह हैदरगढ़ सीट से चुनावी मैदान में उतरे तो कांग्रेस से विश्वनाथ चतुर्वेदी सामने थे. इसी चुनाव के बाद चतुर्वेदी ने मुलायम कुनबे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर जनहित याचिक दायर की थी.
हाल ही में लखनऊ संसदीय सीट से कांग्रेस के आर्चाय प्रमोद कृष्णम चुनावी मैदान में उतरे तो विश्वनाथ चतुर्वेदी उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए. प्रमोद कृष्णम नामांकन पत्र के दाखिल करने के दौरान भी साथ में थे. इसी बात का अखिलेश यादव ने जिक्र किया है. चतुर्वेदी ने कहा कि एक दिन के लिए लखनऊ गया और उसी दिन से अखिलेश यादव हताशा और बौखलाहट में नजर आ रहे हैं.