कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता मोदी कोड ऑफ कंडक्ट (मोदी आचार संहिता) बन गई है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आचार संहिता के उल्लंघनों पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर धोखा किया है. उन्होंने इसे लेकर निगरानीकर्ता और चुनाव आयोग की चुप्पी पर सवाल उठाया.
सिंघवी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए कोर्ट का रुख करने का अधिकार है. हम इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं. निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली है. सिंघवी ने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को यह कहते हुए दुख हो रहा है कि चुनाव आयोग के दूसरे शब्द से 'सी' हट गया है और वह मोदी-शाह जोड़ी के लिए 'इलेक्शन ओमिशन' बन गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं. उन्होंने आचार संहिता को 'मोदी कोड ऑफ कंडक्ट' करार दिया.
सिंघवी ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है. इनमें वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का जिक्र करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों के आधार पर कई नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए कार्रवाई की है. हम इसकी सराहना करते हैं, लेकिन यही कार्रवाई मोदी और शाह के खिलाफ क्यों नहीं की गई.
सिंघवी ने कहा कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि यह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र का सवाल है और आदर्श आचार संहिता का सवाल है तो मोदी-शाह की जोड़ी को एक तरह से खुली छूट है. उन्होंने कहा कि अभी ऐसे व्यक्ति नहीं हुए जिन्होंने अपने चुनावी लाभ के लिए चुनाव आयोग, आचार संहिता और संविधान के अस्तित्व पर आंखें बंद कर ली हों.
सिंघवी ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग को तीन श्रेणियों पर दलील दी थी- नफरत फैलाने वाले भाषण, सशस्त्र बल और मतदान के दौरान प्रचार. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने इनमें से दो मुद्दों पर आदेश पारित करते हुए प्रचार गतिविधियों पर रोक लगाई थी. आयोग ने योगी पर 72 घंटे तक प्रचार करने पर रोक लगाई थी.
सिंघवी ने आगे कहा कि पिछले 25 दिनों से वह निजी तौर पर कम से कम 15 प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए आयोग पहुंचे. उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि वह मोदी और शाह के खिलाफ शिकायतों पर गौर करते समय अपने खुद के आदेशों और मिसालों का पालन करे.
कांग्रेस नेता ने सिंघवी कहा कि इस देश में दो कानून हैं, एक प्रधानमंत्री और अमित शाह के लिए और दूसरा अन्य के लिए. उन्होंने कहा कि इसलिए अब हम चुनाव आयोग से तब शिकायत कर रहे हैं जब पानी हमारे सिर के ऊपर बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि भारत के लोग इस निष्क्रियता के लिए, इस चुप्पी के लिए आयोग से जवाब की मांग करते हैं और हमारे पास जितनी शक्ति है उसके माध्यम से हम कोशिश भी कर रहे हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, लेकिन मुद्दा यह है कि चुनाव आयोग कुछ भी क्यों नहीं कर रहा है.
कांग्रेस नेता पी सी चाको और शत्रुघ्न सिन्हा के यासीन मलिक और मोहम्मद अली जिन्ना पर कथित टिप्पणी के बारे में सवाल पर सिंघवी ने कहा कि सिन्हा ने अपनी टिप्पणी स्पष्ट कर दी है और बेहतर होगा यदि चाको से इस मुद्दे पर सीधे सम्पर्क किया जाए.