बिहार में अभी तक अपना घोषणापत्र जारी नहीं करने पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पर निशाना साधा है. राजद का कहना है कि इससे जदयू का दोहरा चरित्र सामने आया गया है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि लोकसभा चुनाव का तीन चरण समाप्त हो चुका है और चौथे चरण के लिए मतदान होना है. लेकिन अभी तक जेडीयू द्वारा चुनाव घोषणा पत्र को जारी नहीं करना उसके दोहरे चरित्र को उजागर करता है.
राजद नेता ने कहा है कि जेडीयू की ओर से घोषणा पत्र जारी नहीं करने का स्पष्ट संदेश है कि वह बीजेपी के घोषणापत्र के आधार पर ही वोट मांग रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के घोषणापत्र में जो भी विवादास्पद मुद्दे हैं, उस पर जेडीयू नेतृत्व द्वारा अब तक किसी भी चुनावी मंच पर अपनी सहमति नहीं व्यक्त किया गया है. मतलब साफ है कि बीजेपी के घोषणापत्र को जदयू नेतृत्व की मौन स्वीकृति प्राप्त है. इसे लेकर जदयू के अंदर की स्थिति भी काफी विस्फोटक बन चुका है. चितरंजन गगन ने कहा कि नीतीश कुमार का बीजेपी के सामने पूरी तरह से समर्पण से जेडीयू के कुछ वरिष्ठ नेता अपने को असहज महसूस कर रहे हैं. यह स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है.
बता दें कि बिहार में सोमवार को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान है, लेकिन अब तक जदयू ने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया है. पार्टी आलाकमान की मानें तो घोषणा पत्र जारी करने को लेकर अंतिम फैसला सोमवार को हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35A, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर के मुद्दे को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच में मतभेद है. एक तरफ जहां बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म करने, समान नागरिक संहिता को लागू करने और संविधान के दायरे में रहकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कही है, इन सभी मुद्दों को लेकर जेडीयू का पक्ष बिल्कुल अलग है.
जेडीयू का मानना है कि अनुच्छेद 370, 35A और समान नागरिक संहिता लागू करने के मुद्दे पर सभी पक्ष से बातचीत होनी चाहिए उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए. राम मंदिर के मुद्दे पर भी जेडीयू का पक्ष यही है कि इस पूरे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए.
बीजेपी ने 8 अप्रैल को ही अपना घोषणापत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्ता में दोबारा लौटने पर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को खत्म किया जाएगा और समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा. वहीं जेडीयू का घोषणा पत्र 14 अप्रैल को ही जारी किया जाना था, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी के दबाव की वजह से पार्टी ने इसको जारी करने में देरी की है. जानकारी के मुताबिक जेडीयू ने सोमवार को पटना में जेडीयू समिति की बैठक बुलाई है, जहां घोषणा पत्र जारी करने को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा.