निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यालय के स्तर पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की अब तक 43 शिकायतों का निपटारा कर दिया है. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मिली शिकायतें शामिल हैं.
उप चुनाव आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने सोमवार को न्यूज एजेंसी बताया कि मुख्यालय को अलग अलग राज्य निर्वाचन कार्यालयों और अन्य स्रोतों से आचार संहिता के उल्लंघन की अब तक 49 शिकायतें मिली हैं. इनमें जिन 43 शिकायतों का निपटारा किया गया है उनमें से 15 शिकायतों में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया. बाकी 28 शिकायतों में उल्लंघन पाए जाने पर आयोग ने नियमों के तहत कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि छह शिकायतों पर अभी विचारा होना है. सक्सेना ने स्पष्ट किया कि इन शिकायतों में राज्य और जिला निर्वाचन अधिकारियों को मिली आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें शामिल नहीं हैं.
उन्होंने बताया कि विचाराधीन शिकायतों में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें भी शामिल हैं. प्रचार के दौरान सेना के बारे में नरेंद्र मोदी के जिक्र करने के मामले में दी गई शिकायत पर आयोग की ओर से प्रधानमंत्री को एक चुनाव आयुक्त के विपरीत फैसले के बावजूद क्लीनचिट दिए जाने के सवाल पर सक्सेना ने साफ किया कि सामान्य रूप से आयोग की तरफ से सभी चुनाव आयुक्तों के फैसले के आधार पर सर्वसम्मति से फैसला दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में किसी चुनाव आयुक्त की असहमति होने पर बहुमत के आधार पर फैसला किया जाता है. नरेंद्र मोदी के मामले में भी यही स्थिति है. इस दौरान चुनाव आयोग के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने बताया कि चुनाव के दौरान आयोग को फर्जी खबरों की 189 शिकायतें मिली हैं. इनमें पांचवें चरण के मतदान के दौरान मिली आठ शिकायतें भी शामिल हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के आधार पर आयोग ने फेसबुक से निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करने वाली 601 पोस्ट को हटाया है, जबकि ट्विटर से 52 पोस्ट और यूट्यूब से पांच पोस्ट हटाई गईं. इस दौरान व्हाट्सएप से भी ऐसे तीन मैसेज भी हटाए गए.