बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म ‘जीरो’ के रिलीज होने का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद से अब तक 9 करोड़ 93 लाख बार यूट्यूब पर देखा जा चुका है। तकरीबन 200 करोड़ रुपये के बजट से बन रही इस फिल्म में शाहरुख खान एक बौने शख्स का रोल निभा रहे हैं। एक तरफ जहां फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी ओर फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में आती दिखाई पड़ रही है।
विवाद की वजह बना है शाहरुख खान की फिल्म का एक पोस्टर जिसमें वह अमेरिका की एक लोकेशन पर हाथ में कृपाण लिए नजर आ रहे हैं। निक्कर-बनियान पहने और गले में नए नोटों की माला डाले शाहरुख की यह तस्वीर विवादों का विषय बन गई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड से इस पर रिपोर्ट मांगी है।
इस मामले में याचिकाकर्ता वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने कहा कि उन्हें पूरी फिल्म से आपत्ति नहीं है, बल्कि वह तो सिर्फ एक सीन पर सवाल उठा रहे हैं जो कि सिख समुदाय की भावना को आहत कर सकता है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि मेकर्स फिल्म से इस सीन को हटा दें।
अमृतपाल ने बताया कि कृपाण को सिर्फ सेरिमनीज में पहना जा सकता है और इसे जिस तरह पहना गया है, फिल्म इसका मजाक बना रही है। सीबीएफसी की तरफ से वकील अद्वैत सेठाना ने कहा कि बोर्ड ने अभी फिल्म देखी नहीं है क्योंकि अभी तक बोर्ड के पास फिल्म आई ही नहीं है।
जहां अमृतपाल ने बोर्ड द्वारा फिल्म के ट्रेलर को उस सीन के साथ पास करने की बात कही है वहीं सेठाना का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर में वो सीन है ही नहीं जिसको लेकर विवाद हो रहा है।
हालांकि शाहरुख खान, निर्माताओं गौरी खान तथा करुणा बदवाल और निर्देशक आनंद एल राय की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सरवाई ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि याचिका पूरी तरह से गलत धारणा पर आधारित है। फिल्म में शाहरुख ने जो चीज पकड़ी है, वह कृपाण नहीं, एक साधारण तलवार है। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होनी है, जबकि फिल्म 21 दिसंबर को सिनेमाघरों में आएगी।