राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से यमुना नदी गुजरती है. दिल्ली में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार और कई बड़े समाजसेवी रहते हैं. इसके बावजूद यमुना की हालत काफी खराब है. इसकी सफाई के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यमुना किनारे रहने वालों और यहां से गुजरने वालों को दिख जाती है.
दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2015 के विधानसभा चुनाव में भी यमुना की हालत सुधारने का वादा किया था. पार्टी के 70 प्वाइंट एक्शन प्लान में यमुना को 15वां स्थान दिया गया. 4 साल गुजर जाने के बाद दिल्ली सरकार ने क्या काम किया, यह सबके सामने है. अब फिर से AAP ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए संकल्प पत्र में यमुना का कायाकल्प करने का वादा किया है.
आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो में यह भी बताया गया कि अब तक दिल्ली सरकार ने क्या किया और पूर्ण राज्य बनने के बाद क्या करेंगे.
अब तक जो किया
- यमुना की सफाई के लिए इंटरसेप्टर सीवर परियोजना का 92 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया.
- करीब 110 एमजीडी गंदे नाले के पानी को यमुना में प्रवाहित होने से रोका गया, जिसे एसटीपी के जरिए इस्तेमाल करने लायक बनाया.
- दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना कायाकल्प योजना की शुरुआत की, जिसके तहत यमुना में आने वाले गंदे पानी, ठोस कचरा और रिसाव से बचाव के इंतजाम किए जाएंगे. इसके लिए 2019-20 के बजट में 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
पूर्ण राज्य होने के बाद ये करेंगे
- कई सरकारी एजेंसियों के साथ तालमेल, यमुना को 10 साल के भीतर टेम्स (लंदन) और सियोल की तर्ज पर साफ और स्वच्छ बनाया जा सकता है.
- आकर्षक रिवर फ्रंट की स्थापना, नदी के किनारे 'रिवर फ्रंट डेवल्पमेंट' योजना के तहत होगा काम, जो ईको-सिस्टम को बरकरार रखेगा.
- सिग्नेचर ब्रिज को पर्यटन केंद्र के तौर पर करेंगे विकसित, नए एम्युजमेंट पार्क बनेंगे.
- नदी के आस-पास अनधिकृत निर्माण पर लगेगी रोक.
- नए सार्वजनिक परिवहन के रूप में 5 साल के भीतर शुरू करेंगे 'वॉटर फेरी सर्विस.'
- यमुना किनारे बनाए जाएंगे 50 घाट, जहां नियमित तौर पर होगी संध्या आरती. छठ पूजा के लिए सुविधाजनक घाट का इंतजाम।
यमुना की सफाई पर 'आजतक' ने आम आदमी पार्टी के उन लोकसभा उम्मीदवारों से सवाल पूछा, जिनके क्षेत्र से यमुना सबसे ज्यादा गुजरती है. उत्तरी-पूर्वी दिल्ली लोकसभा से आम आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दिलीप पांडेय ने दावा करते हुए कहा "दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना की सफाई का 3 फेज का एक प्लान बनाया है, जिसका रिजल्ट सफल होगा. हम केंद्र सरकार से संवाद करते आये हैं, उनसे मदद की गुहार भी लगाते हैं. यमुना की सफाई के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार काम कर रही है."
आगे पूछने पर कि क्या केंद्र और राज्य सरकार का झगड़ा भी यमुना की सफाई में रोड़ा बन रही है? जवाब में दिलीप पांडेय ने कहा कि राज्य की सरकार का केंद्र सरकार से तालमेल होता तो काम अच्छा होता ही है. इसलिए आम आदमी पार्टी का सांसद होना ज़रूरी है जो दिल्ली सरकार की योजनाओं को केंद्र सरकार के सामने मजबूती से रख सके.
हालांकि पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार आतिशी ने यमुना में गंदगी की वजह कच्ची कॉलोनियों को बताया है. 'आजतक' के सवाल पर आतिशी ने जवाब देते हुए कहा कि "दिल्ली की यमुना में बिना ट्रीट हुआ नाले का पानी जाता है क्योंकि करीब 75% दिल्ली कच्ची कॉलोनियों में रहती है और इन कच्ची कॉलोनियों में पानी, सीवर और नालियों की व्यवस्था पिछले 20 साल तक पिछली सरकारों से नही हुई. इसलिए ये अपेक्षा रखना की 4 साल में 75% जनता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बन जाएंगे, ये सम्भव नही है। इन कच्ची कॉलोनियों में जगह की समस्या सबसे बड़ी है. आम आदमी पार्टी सरकार ने मिनी सीवेज प्लांट की योजना बनाई है, जिससे यमुना की सफाई मुमकिन होगी."
पूरे मामले में 'आजतक' ने नदियों की सफाई पर लंबे वक्त से रिसर्च करते आए वैज्ञानिक फैयाज़ ख़ुदसर से बातचीत की. मेनिफेस्टो में राजनीतिक दलों के वादों पर एक अलग अंदाज में तंज कसते हुए फैयाज़ ख़ुदसर ने कहा कि आम जनता ने सड़कें, फ्लाईओवर, मॉल, मेट्रो, अच्छे अस्पताल मांगें जो सरकार ने दिए. लेकिन अच्छी नदी कभी किसी ने नही मांगी. नदी को हमने नज़रंदाज़ किया क्योंकि साफ हवा या पानी की मांग मजबूती से सरकार के सामने नही रखा तो मेनिफेस्टो का हिस्सा कैसे बनेगा.
उन्होंने आगे बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने एक आदेश में यमुना, गंगा, यमुना, काली और कृष्णि नदी को साफ करने के लिए यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के मॉडल का उदाहरण दिया था. फैयाज़ ख़ुदसर बताते हैं कि नदी को ज़िंदगी देने का एक प्लान है. दिल्ली में यमुना को साफ करने के लिए एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जिससे नाला सीधे नदी में न जाए. नदी किनारे ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सकता है.
जानकारों का मानना है कि दिल्ली में यमुना में रंग बदलती है. पल्ला में यमुना मटमैली होती है, आगे वज़ीरावाद में यमुना हरे रंग की हो जाती है, यहां मौजूद प्लांट में पीने का पानी निकालने के लिए यमुना को रोका जाता हैं. वज़ीराबाद के आगे यमुना 22 किलोमीटर तक बहती है, जिसमें एक बूंद पीने का पानी नहीं होता है. यमुना में 20 से 22 नाले मिलते हैं, इनमें सबसे पहला और बड़ा नजफगढ़ का ड्रेन है, जो यमुना के विनाश की बड़ी वजह है.