लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण की 12 राज्यों की 95 सीटों पर वोटिंग जारी है. इस दौर में 1629 प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, सपा-बसपा, डीएमके, एआईएडीएमके, टीएमसी सहित कई दलों की साख दांव पर लगी है. दूसरे चरण की 95 सीटों में से बीजेपी 51 और कांग्रेस 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता को बरकरार रखने की कोशिश में जुटी है. जबकि राहुल गांधी की अगुवाई में उतरी कांग्रेस अपने जनाधार को वापस पाने की कोशिश में है.
बीजेपी की साख दांव पर
दूसरे चरण की जिन 95 लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में इनमें से 27 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. यूपी की जिन 8 सीटों पर मतदान हो रहा है, ये सभी सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं. छत्तीसगढ़ की 3, महाराष्ट्र की 10 में से 4, असम की 5 में से 2, कर्नाटक की 14 में से 6, ओडिशा की 5 में से 1, बंगाल की 3 में से 1, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीट बीजेपी ने जीती थी. इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने महाराष्ट्र में चार सीटें जीती थीं.
दूसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, बीजेपी इसमें से एक भी सीट पर चुनावी मैदान में नहीं है. इन सीटों पर बीजेपी की सहयोगी दल जेडीयू चुनाव लड़ रही है.
बीजेपी को उम्मीदें कहां से
2019 के लोकसभा चुनाव में सियासी समीकरण और हालात काफी बदले हुए हैं. सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के चलते यूपी में बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल रही है. इसके अलावा महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन ने नरेंद्र मोदी के लिए परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में इन राज्यों के नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी की नजर तमिलनाडु पर है, जहां वह AIADMK के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी है.
इसके अलावा बीजेपी की नजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों पर लगी हुई हैं. बंगाल में जिन तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, वहां बीजेपी को अपने लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं. इतना ही नहीं महाराष्ट्र में नरेंद्र मोदी लगातार मेहनत कर रहे हैं.
कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर
दूसरे चरण की 95 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास महज 12 सीटें हैं. 2014 में कांग्रेस ने जिन 12 सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से असम की 2, कर्नाटक की 6, महाराष्ट्र की 2, बिहार की 1 और मणिपुर की 1 सीट शामिल थी. इसके अलावा बिहार में एनसीपी के तारिक अनवर ने जीत हासिल की थी, जो इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी को दो सीटें मिली थीं.
कांग्रेस को उम्मीदें
दूसरे चरण में जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस यहां पिछले चुनाव से बेहतर नतीजों की उम्मीदें लगाए हुए है. कांग्रेस तमिलनाडु में डीएमके के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी है, ऐसे में उसे बेहतर नतीजे की उम्मीद है. इसके अलावा छत्तसीगढ़ में हाल ही में बनी सरकार से कांग्रेस आस लगाए हुए है. कर्नाटक में कांग्रेस जेडीएस के साथ गठबंधन कर तो महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ मिलकर चुनावी जंग फतह करना चाहती है.
किंगमेकर बनने की जुगत में ये पार्टियां
माना जा रहा है कि क्षेत्रीय दल एक बार फिर अपना करिश्मा दोहराने में कामयाब रहेंगे. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को अगर बहुमत नहीं मिलता है तो ये छत्रप किंगमेकर की भूमिका में होंगे. दूसरे चरण में सपा और बसपा और असम की बदरुद्दीन अजमल की पार्टी बेहतर कर सकती है.