माधुरी दीक्षित, हिंदी सिनेमा का ऐसा नाम जिसकी मुस्कुराहट के लाखों दीवाने हैं. अगर माधुरी डांस कर दें तो करोड़ों लोग यही कहते हैं... मार डाला. माधुरी के इसी ग्रेस को दिखाकर फिल्म कलंक को हिट कराने की कोशिश करण जौहर और डायरेक्टर अभिषेक वर्मन ने की. लेकिन माधुरी का वो तिलिस्म कलंक में टूटता नजर आया.
कलंक में माधुरी दीक्षित को दो गानों में जगह दी गई. पहला गाना घर मोरे परदेसिया में उन्हें आलिया के साथ दिखाया गया. गाने की रिलीज से पहले दर्शकों को लगा दोनों की जुगलबंदी देखने को मिलेगी. लेकिन पूरे गाने में आलिया ने क्लासिकल डांस के स्किल्स दिखाए. माधुरी के थिरकने का इंतजार कर रहे दर्शकों को पूरे गाने में महज उन्हें देखकर ही आह भरनी पड़ी. हालांकि इस गाने में माधुरी के गेटअप को देखकर ये जरूर लगा कि मेकर्स ने डिजाइनर लहंगों पर तो जमकर काम किया, लेकिन आलिया के लहंगे के आगे माधुरी के लहंगे का ग्रेस गायब दिखा. माधुरी के लहंगे में वो बात नहीं है जो चंद्रमुखी के लहंगे में नजर आई थी. कलंक में जहां आलिया का लहंगा खूबसूरत दिख रहा है, वहीं माधुरी का लहंगा फीका नजर आ रहा है. माधुरी के हेयर स्टाइल पर नजर डालें तो यूं लगता है मेकर्स किसी सस्ती दुकान पर जा टिके. पूरे गाने में माधुरी के लुक को एक्ट्रेस के विग ने खत्म कर दिया.
इसके बाद आया माधुरी का सोलो नंबर तबाह हो गए... इस गाने की रिलीज से पहले की माधुरी ने कई इंटरव्यू में कहा कि गाने को मेरे देवदास के 'मार डाला...' गाने से तुलना नहीं करें. इस बात को भी माधुरी के फैंस ने मान लिया, क्योंकि माधुरी कुछ भी कर दें वो लाजवाब कर देगा. आखिरकार कलंक का तबाह हो गए गाना रिलीज हुआ. इस गाने से वो उम्मीदें थीं, जो आसमां को छू रही थीं. यही लगा कि एक बार फिर माधुरी की अदाएं, खूबसूरत हंसी पूरी महफिल को अपने नाम कर लेगी. लेकिन यहां भी फैंस बस यहीं कह सके... तबाह हो गए.
कलंक के तबाह हो गए... गाने में माधुरी ने डांस तो किया लेकिन पूरे गाने को देखकर लगा माधुरी की आत्मा गायब है, जैसे किसी मशीन को क्लासिकल गाने पर रिहर्सल कराया गया है. अब तक जहां अंखियां मिलाऊं... की चुलबुली माधुरी, हम आपके हैं कौन की निशा जो धिक ताना करती है, देवदास की चंद्रमुखी, जिसकी अदाओं के फैन हैं. वो जादू गायब था. बस यूं लगा जैसे, नारंगी लहंगा पहनकर, सज-धजकर जो डांस कर रही है वो माधुरी की हमशक्ल है. माना कि ये सैड सॉन्ग था लेकिन माधुरी के होने के बावजूद इसे देखकर न तो आह निकली और न वाह. गाने में वो दर्द नहीं था जो गाने के अलफाज बता रहे थे. माधुरी का आंखों में वो दर्द नहीं था जो ये बता पाता कि कोई अपनी तबाही का दर्द सुना रहा है.
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संन्यास क्यों नहीं ले लेतीं माधुरी दीक्षित, कलंक देखकर कहता है दिल
माधुरी दीक्षित, हिंदी सिनेमा का ऐसा नाम जिसकी मुस्कुराहट के लाखों दीवाने हैं. अगर माधुरी डांस कर दें तो करोड़ों लोग यही कहते हैं... मार डाला. माधुरी के इसी ग्रेस को दिखाकर फिल्म कलंक को हिट कराने की कोशिश करण जौहर और डायरेक्टर अभिषेक वर्मन ने की.
माधुरी दीक्षित माधुरी दीक्षित
ऋचा मिश्रा
नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2019, अपडेटेड 08:14 IST
माधुरी दीक्षित, हिंदी सिनेमा का ऐसा नाम जिसकी मुस्कुराहट के लाखों दीवाने हैं. अगर माधुरी डांस कर दें तो करोड़ों लोग यही कहते हैं... मार डाला. माधुरी के इसी ग्रेस को दिखाकर फिल्म कलंक को हिट कराने की कोशिश करण जौहर और डायरेक्टर अभिषेक वर्मन ने की. लेकिन माधुरी का वो तिलिस्म कलंक में टूटता नजर आया.
कलंक में माधुरी दीक्षित को दो गानों में जगह दी गई. पहला गाना घर मोरे परदेसिया में उन्हें आलिया के साथ दिखाया गया. गाने की रिलीज से पहले दर्शकों को लगा दोनों की जुगलबंदी देखने को मिलेगी. लेकिन पूरे गाने में आलिया ने क्लासिकल डांस के स्किल्स दिखाए. माधुरी के थिरकने का इंतजार कर रहे दर्शकों को पूरे गाने में महज उन्हें देखकर ही आह भरनी पड़ी. हालांकि इस गाने में माधुरी के गेटअप को देखकर ये जरूर लगा कि मेकर्स ने डिजाइनर लहंगों पर तो जमकर काम किया, लेकिन आलिया के लहंगे के आगे माधुरी के लहंगे का ग्रेस गायब दिखा. माधुरी के लहंगे में वो बात नहीं है जो चंद्रमुखी के लहंगे में नजर आई थी. कलंक में जहां आलिया का लहंगा खूबसूरत दिख रहा है, वहीं माधुरी का लहंगा फीका नजर आ रहा है. माधुरी के हेयर स्टाइल पर नजर डालें तो यूं लगता है मेकर्स किसी सस्ती दुकान पर जा टिके. पूरे गाने में माधुरी के लुक को एक्ट्रेस के विग ने खत्म कर दिया.
इसके बाद आया माधुरी का सोलो नंबर तबाह हो गए... इस गाने की रिलीज से पहले की माधुरी ने कई इंटरव्यू में कहा कि गाने को मेरे देवदास के 'मार डाला...' गाने से तुलना नहीं करें. इस बात को भी माधुरी के फैंस ने मान लिया, क्योंकि माधुरी कुछ भी कर दें वो लाजवाब कर देगा. आखिरकार कलंक का तबाह हो गए गाना रिलीज हुआ. इस गाने से वो उम्मीदें थीं, जो आसमां को छू रही थीं. यही लगा कि एक बार फिर माधुरी की अदाएं, खूबसूरत हंसी पूरी महफिल को अपने नाम कर लेगी. लेकिन यहां भी फैंस बस यहीं कह सके... तबाह हो गए.
कलंक के तबाह हो गए... गाने में माधुरी ने डांस तो किया लेकिन पूरे गाने को देखकर लगा माधुरी की आत्मा गायब है, जैसे किसी मशीन को क्लासिकल गाने पर रिहर्सल कराया गया है. अब तक जहां अंखियां मिलाऊं... की चुलबुली माधुरी, हम आपके हैं कौन की निशा जो धिक ताना करती है, देवदास की चंद्रमुखी, जिसकी अदाओं के फैन हैं. वो जादू गायब था. बस यूं लगा जैसे, नारंगी लहंगा पहनकर, सज-धजकर जो डांस कर रही है वो माधुरी की हमशक्ल है. माना कि ये सैड सॉन्ग था लेकिन माधुरी के होने के बावजूद इसे देखकर न तो आह निकली और न वाह. गाने में वो दर्द नहीं था जो गाने के अलफाज बता रहे थे. माधुरी का आंखों में वो दर्द नहीं था जो ये बता पाता कि कोई अपनी तबाही का दर्द सुना रहा है.
माधुरी दीक्षित, जिनकी एक-एक अदाओं के लोग दीवाने हैं. वो एक बार हंस दे तो फिल्म में जान फूंक दे. कहीं उसके कदम थिरकने लगे तो बस फिल्म को एक गाना ही हिट करा दे. लेकिन ये सारी चीजें कलंक के गाने में गायब रहीं. पूरे गाने में बस नजर आया, माधुरी का थका हुआ, उम्रदराज चेहरा. एक ऐसा चेहरा, जिससे वो हंसी गायब थी, जिसकी दुनिया दीवानी है. गायब थी वो अदाएं जो एक नजर उठाने की अदा भर से कत्ल कर दे.
फिलहाल कलंक रिलीज हो चुकी है, लेकिन कलंक के साथ दबे शब्दों में उठ गए हैं वो सवाल जो पूछते हैं कहां गई हम आपके हैं कौन की निशा, कहां गई देवदास की चंद्रमुखी. ये जो कलंक की बहार बेगम आई हैं, उनके आने पर बहार क्यों गायब है?