विवेक ओबेरॉय की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आयोग फिल्म को लेकर 19 अप्रैल तक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपे. लेकिन कोर्ट में गुड फ्राइडे की छुट्टी होने के कारण निर्वाचन आयोग मोदी बायोपिक को लेकर अपनी सीलबंद रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाया. अब 22 अप्रैल यानी सोमवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.
आयोग की सात सदस्यीय टीम ने बुधवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी नामक ये बायोपिक फिल्म देखकर रिपोर्ट तैयार कर ली थी. आयोग में गुरुवार दोपहर एक्टर विवेक ओबेरॉय और फिल्म मेकर अपना पक्ष रखने के लिए चुनाव आयुक्त से मुलाकात करने पहुंचे थे. शुक्रवार को आयोग को सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन छुट्टी होने की वजह से यह नहीं हो पाया.
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
मोदी बायोपिक के फिल्मकारों की ओर से कोर्ट में कहा गया कि अदालत फिल्म देख ले और फैसला दे. फ़िल्म ना देखे तो प्रोमो ही देख ले लेकिन अदालत ने खुद फिल्म देखने से इनकार कर दिया था और ये जिम्मेदारी चुनाव आयोग को दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा था कि फिल्म देखने के बाद शुक्रवार तक कोर्ट में जवाब दाखिल करे.
बायोपिक को लेकर शुरू से रहा विवाद
बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी शुरू से ही विवादों में हैं. इस वजह से इसकी कई बार रिलीजिंग डेट टल चुकी हैं. इसे 11 अप्रैल को रिलीज किया जाना था, लेकिन चुनाव पर पीएम की बायोपिक का असर पड़ने का हवाला देते हुए EC ने विवेक ओबेरॉय अभिनीत फिल्म पर रोक लगा दी थी. चुनाव आयोग ने अपने फैसले में कहा था कि लोकसभा चुनाव खत्म होने तक पीएम की बायोपिक को रिलीज नहीं किया जाए सकेगा. फैसले के खिलाफ फिर मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी.