साल 2014 में एक फिल्म आई थी तितली. इस फिल्म में एक सहमा सा, परेशानियों से जूझते एक शख्स को दिखाया गया था जिसे अपना सपना पूरा करने के लिए अपने परिवार से ही लड़ना पड़ रहा है. शशांक सनी अरोड़ा नाम के इस शख़्स की बॉडी लैंग्वेज और डील डौल इतना सामान्य था कि देखने से लगता था कि मानो आस-पड़ोस का ही कोई लड़का एक्टिंग करने चला गया हो. अपनी पहली ही फिल्म के साथ दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ने वाले शशांक सनी अरोड़ा अब सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म भारत में नज़र आने वाले हैं और इस फिल्म के साथ ही शशांक स्टारडम की तरफ एक कदम बढ़ा देंगे.
दिल्ली के ही रहने वाले शशांक ने साल 2006 में सिनेमा और म्यूजिक पढ़ने के लिए कनाडा का रुख किया. वहां उन्होंने ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट्स द्वारा बनाया गया एक स्ट्रीट थियेटर ग्रुप जॉइन किया. साल 2008 में उन्होंने मुंबई का रुख किया और यहां उन्होंने दो साल एक्टिंग की पढ़ाई की और इसके बाद उनका एक्टर बनने का संघर्ष शुरू हुआ. उन्होंने सबसे पहले म्योहो नाम की फिल्म में सपोर्टिंग कैरेक्टर प्ले किया, इसके बाद साल 2014 में उन्हें यशराज की फिल्म तितली में लीड रोल मिला. इस फिल्म ने कान फिल्म फेस्टिवल तक का सफर तय किया. उन्हें अपने रोल के लिए फिल्मफेयर और स्टारडस्ट की बेस्ट डेब्यू कैटेगरी में भी नॉमिनेशन मिला था.
तितली जैसी तेजतर्रार परफॉर्मेंस के बाद भी शशांक अपनी फिल्मों को लेकर काफी प्रयोगधर्मी रहे. उन्होंने लिपस्टिक अंडर माय बुर्का, ब्राह्मण नमन जैसी एक्सपेरिमेंटल फिल्मों में काम किया. 2016 में ही उन्होंने हरामखोर के एक्टर की फिल्म 'जू' में काम किया. ये भारत की पहली ऐसी फिल्म थी जिसे पूरी तरह से आईफोन 6एस प्लस से शूट किया गया था. एक्टिंग के प्रति उनकी लगन को इस बात से समझा जा सकता है कि वे अपने छोटे से करियर में ट्रांसजेंडर का चुनौतीपूर्ण किरदार भी निभा चुके हैं. इसके अलावा वे नवाजुद्दीन सिद्दीकी की संवेदनशील फिल्म मंटो का भी हिस्सा रह चुके हैं. इसके अलावा वेबसीरीज मेड इन हेवन में भी उनके काम को काफी सराहा गया. फिल्म भारत के साथ ही शशांक बॉलीवुड के मेनस्ट्रीम जगत में अपनी पहचान बनाने को लेकर उत्सुक हैं.