हॉलीवुड, बॉलीवुड के बाद मीटू मूवमेंट को लेकर पाकिस्तान में भी काफी बहस हुई. पाकिस्तान के मशहूर एक्टर अली जफर का नाम भी सामने आया. बॉलीवुड की कई फिल्मों में हिट नंबर दे चुके अली जफर पर एक साल पहले सिंगर मीशा शफी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच हुई और बीते शनिवार को कोर्ट ने सुनवाई में मामले को खारिज कर दिया. आरोपों से बरी होने के बाद अली जफर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.
एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को इंटरव्यू के दौरान अपनी बात रखते हुए अली जफर फफक कर रो पड़े. इंटरव्यू में अली ने कहा, "इतने लंबे वक्त से मैं, मेरा परिवार और मेरे बच्चों ने मिलकर ये दर्द सहा है, मैंने एक साल तक एक भी शब्द नहीं बोला. मैंने सोचा था कि मैं जो करूंगा वो कोर्ट के जरिए करूंगा."
"लेकिन उन लोगों ने मेरे खिलाफ फेक अकाउंट बनाकर मुझे बदनाम किया. सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ कैंपेन चलाया गया. उन लोगों ने मेरा करियर खत्म करने की पूरी कोशिश की."
बता दें कि मीशा शफी ने एक साल पहले ट्वीट कर एक पोस्ट लिखी थी. इस पोस्ट में उन्होंने अली जफर पर कई बार यौन शोषण करने का आरोप लगाया था और कहा था, "एक प्राइवेट स्टूडियो में अली जफ़र ने मेरे साथ बदतमीजी की थी. अली कई और महिलाओं के साथ भी इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं. अली ने कई बार मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश की जो मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा दर्द था."
मामले में कोर्ट से बरी होने के बाद अली जफ़र ने मीशा शफी पर मानहानि का केस भी किया है. अब इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट के फैसले के बाद अली जफर ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया भी दी. अली ने कहा, "मीशा शफी ने मुझ पर जो भी केस किए थे कोर्ट ने उन सभी को खारिज कर दिया. उनके इस तरह के झूठे आरोपों ने मुझे बहुत परेशान किया. अब वो इससे भागने की कोशिश कर रही हैं. मैंने उन पर मानहानि का केस किया है. अब मेरा जो नुकसान हुआ है वो इसकी भरपाई करें."