जब सगा मामा ही अपनी नाबालिग भांजी की आबरू लूट ले तो फिर किस पर भरोसा किया जाए. एक ऐसा ही मामला भानुप्रतापपुर से सामने आया है. जहां नाबालिग लड़की अपने मामा के घर रहती थी. जब घर वाले काम करने चले जाते तब वहसी मामा पीड़िता बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाता था. आज इस मामले पर कलयुगी मामा संजय निषाद उर्फ शेरू को भानुप्रतापपुर में विशेष अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संजीव कुमार तामक ने सजा सुनाई है. जज ने धारा 506B में 5 वर्ष कारावास, 10 हजार रुपये अर्थदंड और 376 मामले में आजीवन कारावास के साथ 1 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
विशेष अदालत ने कहा कि ऐसे लोगो को समाज में कोई स्थान नही है घटना साल 2016 की है पीड़िता की मां ने दूसरी शादी कर ली, तो ये अपने मामा के घर भानुप्रतापपुर आई थी जहां घर वाले काम करने चले जाते तब मामा पीड़िता बच्ची को बनाता हवस का शिकार बनाता था.
मामा से परेशान पीडिता भानुप्रतापपुर से जैसे तैसे अपने नाना के यहां जिला नारायणपुर गई तो बदनसीबी ने यहां भी अन्य वहशियों के चुंगल में उसे फंसा दिया. तब जाकर पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की.
पुलिस ने जांच में पाया कि 4 अलग- अलग लोगों पीड़िता के साथ दुष्कर्म करते रहे जिसमे 3 अन्य आरोपियों की सुनवाई कोंडागांव में चल रही है वहीं एक आरोपी नाबालिग का मामा संजय निषाद उर्फ शेरू को आज भानुप्रतापपुर में विशेष अतिरिक्त जिला न्यायाधीश संजीव कुमार तामक ने धारा 506B में 5 वर्ष कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड तथा 376 मामले में आजीवन कारावास एवं 1 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.