प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व भाजपा जांच टीम के दो सदस्य विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी व सौरभ सिंह ने सूरजपुर जिले के चंदौरा थाने में एक युवक की मौत को संदेहास्पद बताते हुए पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी जांच में सामने आए तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति के इस युवक ने थाने में फांसी नहीं लगाई है, बल्कि उसकी हत्या कर शव फांसी पर लटका दिए गए थे। भाजपा इस मामले को सड़क से सदन तक उठाएगी और हत्या का मामला दर्ज कर दोषी पुलिस वालों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेगी, ताकि पीडि़त परिवार को न्याय मिल सके। भाजपा अध्यक्ष श्री उसेंडी, श्री कौशिक व दोनों विधायकों ने रविवार को यहां पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाते हुए कहा कि चंदौरा थाने में एक युवक की हत्या को आत्महत्या बताकर वहां के 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनकी मांग है कि वहां के पुलिस कर्मियों पर हत्या व अन्य मामला दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने बताया कि पत्नी से विवाद के चलते मृत युवक कृष्ण सारथी को 26 जून की सुबह थाने के लॉकअप में बंद किया गया। वहां दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने परिवार वालों को उसके फांसी लगाने की खबर दी। मीडिया के माध्यम से भाजपा जांच टीम को उसकी फोटो भी मिली है। भाजपा जांच टीम के सदस्य विधायक डॉ. बांधी व सौरभ सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि मृतक का शरीर लाकअप के लोहे के गेट से लटका हुआ पाया गया। गले में लाकअप के अंदर कंबल का फटा हुआ टुकड़ा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने उन्हें बताया कि सरकारी कंबल चाकू या ब्लेड से कटा हुआ लग रहा था। मृतक के खिलाफ इस थाने में कोई एफआईआर या शिकायत नहीं थी।
मृतक की पत्नी सुंदरमनी सारथी की मौखिक शिकायत से मृतक को थाने लाया था। मृतक और उसकी पत्नी का विवाद था। दोनों की शादी 2007 में हुई थी और उसके चार बच्चे हैं। भाजपा विधायकों का कहना है कि सूरजपुर एसपी से चर्चा करने पर उन्होंने अभी तक पीएम रिपोर्ट आने से इंकार किया। मृतक का गिरफ्तारी के समय पुलिस के रोजानामा में कुछ भी दर्ज नहीं है। पंचनामा भी नहीं किया गया है जो सीआरपीसी का उल्लंघन है। इस मामले में रामदास सिंह एएसआई तत्कालीन थाना प्रभारी समेत 10 पुलिस कर्मचारी निलंबित किए गए हैं। किसी पर लॉकअप में मौत के तहत एफआईआर नहीं किया गया है। गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य जांच भी नहीं की गई, जो कि सीआरसीपीसी 55 ए का उल्लंघन है।
आईजी सरगुजा का बयान है कि मृतक पर कोई जुर्म दर्ज नहीं था, जबकि मृतक के शरीर पर गांववालों ने चोट के निशान देखे हैं। भाजपा नेताओं ने बताया कि मृतक थाना पस्ता चौकी डौरा ग्राम खोदारा का निवासी है। मृत्यु के समय वह लॉकअप में अकेला था। जिला और सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के आदेश पर वर्ग 1 न्यायाधीश प्रतापपुर द्वारा न्यायिक जांच की जा रही है। थाना में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। तीन ओर से आहाता भी नहीं है। पुलिस उसके साथ थाने पहुंचे युवक से भी अभी तक कोई पूछताछ नहीं कर पाई है।