सऊदी की अरैमको कंपनी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच ऑयल रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लैक्स में हिस्सेदारी को लेकर बात चल रही है। सूत्रों ने कहा कि 44 अरब डॉलर के मेगा रिफाइनरी-कम-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की परियोजना में देरी होने की वजह से अरैमको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है।
मेगा परियोजना में अरैमको संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी एडनॉक के साथ 50 फीसद हिस्सेदारी लेना चाहती थी। सूत्रों ने कहा कि रिलायंस की परियोजना के लिए कुछ महीने से बात चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। अरैमको द्वारा 10-15 अरब डॉलर में परियोजना में 25 फीसद हिस्सेदारी लेने की चर्चा चल रही है।
सूत्रों ने हालांकि इस वैल्यूएशन को खारिज किया है और कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 8.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें करीब आधा यानी 4.25 लाख करोड़ रुपये यानी, करीब 60 अरब डॉलर का योगदान रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कारोबार का है। 25 फीसद हिस्सेदारी का मतलब 15 अरब डॉलर है, जिसमें किसी भी प्रकार का प्रीमियम शामिल नहीं है।
रिलायंस ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। इससे पहले अरैमको कई मौकों पर कह चुकी है कि उसकी रिलायंस से वार्ता चल रही है। अरैमको ने 20 फरवरी को ऐसी एक टिप्पणी दी थी, जब सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के साथ आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में कंपनी के सीईओ आमिन अल-नासिर भी भारत आए थे।
ब्रिटिश कंपनी हैमलेज को खरीदेगी रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज ब्रिटेन की कंपनी हैमलेज को खरीदने के लिए उससे बात कर रही है। 1760 में स्थापित कंपनी हैमलेज खिलौनों की बिक्री करती है। भारत में उसके उत्पादों को बेचने का लाइसेंस अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रिटेल के पास है। सूत्रों ने कहा कि अधिग्रहण के लिए जरूरी जांच पड़ताल की प्रक्रिया आखिरी चरण में चल रही है। रिलायंस ने इस पर कोई भी टिप्पणी देने से इन्कार कर दिया।
शिप ऑपरेटर कंपनियों की हिस्सेदारी मित्सुई को बेचेगी रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) ईथेन ढुलाई करने वाले जहाजों का परिचालन करने वाली छह कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी जापान की कंपनी मित्सुई ओएसके लाइंस (एमओएल) को बेचेगी। आरआइएल ने कहा कि उसकी सिंगापुर स्थित कंपनी रिलायंस ईथेन होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (आरईएचपीएल) ने छह कंपनियों में रणनीतिक निवेश के लिए एमओएल और एक छोटे हिस्सेदार के साथ एक बाध्यकारी समझौता किया है। आरईएचपीएल की ये छह कंपनियां विशालकाय ईथेन जहाजों (वीएलईसी) का परिचालन करती हैं।