जेट एयरवेज के बड़े विमानों को खरीदने के लिए एयर इंडिया के चेयरमैन अश्वनी लोहानी भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं. दोनों के बीच यह मुलाकात दिल्ली में हो सकती है. दरसअल, एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के समूह के पास जेट एयरवेज का कंट्रोल है. ऐसे में जेट एयरवेज से जुड़े मामलों पर फैसला लेने का अधिकार एसबीआई के पास है.
जानकारी के मुताबिक जेट एयरवेज के पांच बड़े विमानों को एयर इंडिया लीज पर लेने में दिलचस्पी दिखाई है. इसके लिए एयर इंडिया के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने स्टेट बैंक प्रमुख को पत्र भी लिखा था. वर्तमान में जेट एयरवेज के पास 16 बड़े विमान हैं. इनमें 10 बी 777- 300ईआर और छह एयरबस ए330एस विमान हैं.
क्या है एयर इंडिया का मकसद
एयर इंडिया इन विमानों को अपने अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सेवा में लगाना चाहती है. दरअसल, एयर इंडिया नये अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ान सेवाएं शुरू करना चाहता है. इसके साथ ही उसकी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने की भी मंशा है लेकिन उसके पास ऐसा करने के लिये अतिरिक्त विमान नहीं है.
पैसेंजर को भी कर रही मदद
इस बीच एयर इंडिया ने जेट एयरवेज के अस्थायी रूप से फंसे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की मुश्किलें कम करने के लिए विशेष किराए की पेशकश की है. एयर इंडिया ने बयान में कहा कि पेरिस , लंदन हीथ्रो , सिंगापुर , दुबई , हांगकांग , अबूधाबी , जेद्दाह और मस्कट विदेशी हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों को " विशेष किराए " की पेशकश की गई है. एयर इंडिया ने कहा कि जिन यात्रियों के पास जेट एयरवेज की वापसी की कंफर्म टिकट होगी, वे एयर इंडिया के " फंसे हुए यात्रियों के लिए विशेष किराया पैकेज " का लाभ उठा सकेंगे.
क्यों आई ये नौबत?
80 के दशक में ट्रेवल एजेंट नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा. इस दौरान कंपनी को लगातार घाटा उठाना पड़ा. इसके बाद जेट एयरवेज कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी. पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने बीते मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया. वर्तमान में जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.