जीएसटी को लेकर सरकार ने कई दावे किये हालांकि लोगों ने इसका विरोध किया, कुछ ने इसका स्वागत किया, लेकिन इन सब के बावजूद सरकार ने जीएसटी लागु किया। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी जिसके अनुसार जीएसटी संग्रह नवंबर में 97,637 करोड़ रुपये रहा जबकि अक्तूबर में यह एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर था।
30 नवंबर 2018 तक अक्टूबर के लिये कुल 69.6 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न जमा किये गये। अगस्त से सितंबर के दौरान राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में 11,922 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। नवंबर महीने में जीएसटी संग्रह 97,637 करोड़ रुपये रहा। जिसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 16,812 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 23,070 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 49,726 करोड़ रुपये (आयात से 25,308 करोड़ रुपये का संग्रह शामिल) और उपकर 8,031 करोड़ रुपये रहा। उपकर में 842 करोड़ रुपये आयात पर किया गया संग्रह शामिल है।
मंत्रालय ने कहा, केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्राप्त किया गया जीएसटी राजस्व नवंबर 2018 में सीजीएसटी (केंद्र) 35,073 करोड़ रुपये और एसजीएसटी(राज्य) 38,774 करोड़ रुपये रहा है।
बता दें कि सरकार हर महीने एक लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह का लक्ष्य लेकर चल रही है। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 1.03 लाख करोड़, मई में जीएसटी संग्रह 94,016 करोड़ रुपये, जून में 95,610 करोड़ रुपये, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपये, सितंबर में 94,442 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ रुपये रहा।
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में भी जुलाई-सितंबर की अवधि में गिरावट दर्ज की गई है, जोकि 7.1 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी।
सरकार माने या माने पर इस गिरावट का मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट और ग्रामीण मांग में कमी आना है। इसके साथ ही विनिर्माण और खनन गतिविधियों में गिरावट का भी जीडीपी आंकड़ों पर असर पड़ा है।
ईवाई टैक्स पार्टनर के अभिषेक जैन ने जीएसटी संग्रह के आंकड़ों पर कहा, “पिछले महीने की तुलना में इस महीने जीएसटी संग्रह घट गया है लेकिन यह साल के औसत मासिक संग्रह से अधिक है। औसत संग्रह में यह वृद्धि दर्शाती है कि एक लाख करोड़ रुपये का नियमित मासिक संग्रह का लक्ष्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है।”