सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर फिलहाल एक्साइज ड्यूटी कटौती से इनकार किया है.केन्द्र और कुछ राज्य सरकारें इस तरह का कदम उठा कर उससे होने वाली संभावित राजस्व घाटे को उठाने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 28 सितंबर को तय है लेकिन बैठक के एजेंडे में पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं है. यानी कीमतों के विरोध को लेकर सरकार परेशान नहीं है. वैसे, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने साफ कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी घटाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है. दरअसल, सरकार का मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती का असर विकास पर पड़ सकता है. इतना ही नहीं पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी में शामिल करने की मांग पर भी मंत्रालय का रुख पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में राज्य सरकारें भी नहीं हैं. राज्यों को लगता है कि जीएसटी के तहत लाने पर उनकी कमाई पर बुरा असर पड़ेगा, यानी लोगों को फिलहाल कीमतों में राहत मिलेगी ऐसा नहीं लगता है.