क्रिकेट जगत में ‘मीटू’ मूवमेंट का शिकार बने बीसीसीआई के कार्यवाहक अधिकारी राहुल जौहरी की अब छुट्टी हो गयी हैं। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने उनके ऊपर लगे आरोपों की सफाई देने के लिए सप्ताह भर का समय दिया है। जिससे वो अपने ऊपर लगें इन आरोपों को बेबुनियाद करार कर सकें।
बता दें कि जौहरी पर एक अज्ञात महिला ने ट्विटर के जरिये पत्र के स्क्रीनशॉट्स जारी कर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। तबसे जौहरी की परेशानियां बढ़ना शुरू हो गयी हैं।
रिपोर्ट की मानें तो जौहरी इस समय छुट्टी पर जा रहे हैं और इसी बीच वह अपने जवाब पेश करेंगे। इस दौरान बीसीसीआई का कामकाज सीओए के हवाले होगा। जब से जौहरी पर आरोप लगे हैं उसके बाद से उन्होंने एक भी बार बीसीसीआई मुख्यालय स्थित अपने ऑफिस में कदम नहीं रखा है।
जौहरी ने सीओए से अपील की थी कि वह सिंगापुर में इसी सप्ताह के अंत में होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। जौहरी की गैरमौजूदगी में बीसीसीआई के कामकाज सीओए कि टीम पर निर्भर रहेगी।
सीओए के चैयरमेन विनोद राय ने कहा, ‘हम इस मुद्दे को धीरे-धीरे बढ़ने देना नहीं चाहते इसलिए हमने जौहरी को सात दिन का समय दिया है, ताकि वह अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दे सकें। उन आरोपों के पीछे कोई अज्ञात है। वह शिकायत एक अनजान ट्विटर हैंडल पर उस वक्त की है जब जौहरी बीसीसीआई में थे भी नहीं। सीओए को लगा कि हमारे लिए और उनके लिए यह सही होगा कि हम उन्हें सफाई देने का मौका दें।’
सीओए के अलावा जौहरी पर फैसला बीसीसीआई की कानूनी टीम भी लेगी और अगर जरूरत पड़ी तो अप्रैल में महिलाओं के खिलाफ कामकाजी जगह पर यौन उत्पीड़न एक्ट 2013 के तहत बनाई गई समिति भी इसमें दखल दे सकती है।