लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर एनडीए में विवाद बढ़ता जा रहा है। बीजेपी और जेडीयू के बीच 50-50 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टियां खुश नहीं है। खबरों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के बाद अब रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने भी 2014 चुनाव के मुकाबले कम सीटों पर लड़ने से इनकार कर दिया है। दोनों पार्टियों ने साफ संकेत देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि 2014 चुनाव के समान ही लोकसभा चुनाव 2019 में भी उन्हें उतनी ही सीटें चाहिए। उनके इस बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू का 50-50 का फॉर्मूला फेल होता दिखाई दे रहा है।
आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा है कि तीन पार्टी से कम सीटों पर नहीं बल्कि अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसी भी हाल में तीन सीटों से कम पर नहीं मानेगी।हाल ही में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी। मुलाकात के बाद दोनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सीट शेयरिंग का मसला सुलझा लेने की बात कही थी। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि दोनों पार्टियां 50-50 के फार्मूले पर चुनाव लड़ेगी। जिसके बाद खबर आई थी दोनों पार्टियां मिलकर 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी और बाकी बची 6 सीटों में 4 एलजेपी और 2 आरएलएसपी के खाते में जाएंगी।